मुम्बई। महाराष्ट्र में नगरपालिकाओं, जिला परिषदों तथा पंचायत समितियों के नतीजे लगभग पूरे आ गए हैं। इन चुनावों में नगरपालिकों के चुनावों में भले ही सत्ता भाजपा से दूर हो लेकिन बावजूद इसके ये चुनाव परिणाम उसके लिए खुशख़बरी लेकर आएं हैं। शिवसेना से नाता तोड़ने के बाद अकेले दम पर चुनावों में उतरी भाजपा को फायदा हुआ है।
महाराष्ट्र में 10 महानगरपालिकाओं के लिए वोटों की गिनती अब खत्म होने को है। अपने गढ़ बीएमसी पर कब्जा जमाए रखने के लिए प्रयासरत शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है मगर अब भी बहुमत के जादुई आंकड़े दूर हैं। वहीं, भाजपा दूसरे नंबर पर है। भाजपा की अप्रत्याशित जीत पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बधाई देते हुए कहा कि यह जीत मुख्र्यमंत्री और पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत का नतीजा है।
राज्य चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि तीन बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, 227 सदस्यीय बृहन्मुंबई नगर निगम में शिवसेना 84 सीटों पर जीत दर्ज की है, वही भाजपा 80 सीटों को जीतकर एक अविश्वनीय काम किया है। दूसरी ओर, कांग्रेस 31 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है। जबकि एनसीपी नौ सीट, मनसे सात और अन्य ने सात सीटों पर जीत हासिल की है।
दूसरी तरफ, पुणे नगर निगम में भाजपा 54 सीटों, राकांपा 28 सीटों, कांग्रेस 11, शिवसेना 9 और मनसे 6 सीट पर जबकि नासिक में भाजपा 22, शिवसेना 13, कांग्रेस 4, राकांपा 2 और मनसे 1 सीट पर बढ़त बनाए हुए है।
मुंबई से बाहर अन्य निकायों पर निगाह डालें तो स्पष्ट है कि भाजपा ने हर जगह दबदबा बनाया है। दस नगरपालिकाओं में बीजेपी अपने पूर्व सहयोगी को पीछे छोड़ते हुए सात जगहों पर लीड में है। आंकड़ों बताते हैं कि ठाणे नगर निगम में बढ़त होने के क्रम में शिवसेना 30 सीटों के साथ भाजपा 12 सीट से काफी ऊपर है।
जबकि शेष सभी नगर निगम अमरावती, अकोला, नागपुर, नासिक, पिंपरी चिंचवाड़, सोलापुर और उल्हासनगर में भाजपा ने अपना दबदबा बनाया हुआ है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि भाजपा जितने भी सीटों पर विजयी रहेगी, इसका फायदा सीधे तौर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मिलेगा। क्योंकि उन्होंने इन चुनावों में दिनरात एक करते हुए कार्यकर्ताओं को जोड़ने का काम किया था।
कांग्रेस-भाजपा को लगे हैं झटके चुनाव परिणाम के आने के क्रम में संजय निरुपम ने कांग्रेस के हार की जिम्मेदारी लेते हुए मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके स्थान पर विधायक जगताप को मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
वहीं, बढ़त के गुबार के बीच भाजपा को भी बड़ा झटका लगा है। पंकजा मुंडे के गढ़ परली में एनसीपी ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि 2012 के चुनाव में जिला परिषद की छह में से पांच सीट पर भाजपा काबिज थी और एनसीपी के खाते में सिर्फ एक सीट गई थी।
संबंधित आलेख : क्यों की पंकजा मुंडे ने की इस्तीफा देने की घोषणा
फडणवीस के सफल प्रयासों से महानगरपालिका चुनाव में भाजपा को बड़ी सफलता
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के सफल प्रयासों और मेहनत के कारण मुम्बई महानगरपालिका चुनाव में भाजपा को बड़ी सफलता हासिल हुई है। अबतक के परिणामों में भाजपा को 10 जिला पंचायतों और चार महानगरपालिका में भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल हो गया है।
भाजपा ने 70 की संख्या लगभग पार कर ली है। ऐसा माना जा रहा था कि मुम्बई महानगरपालिका चुनाव में शिव सेना अकेली सबसे बड़ी पार्टी के रूप में जीतकर आएगी मगर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के प्रयास से शिव सेना को झटका लगा है। नागपुर, पुणे, अमरावती, अकोला जैसे क्षेत्रों में भाजपा को जीत मिल गई है।
पिछले चुनाव में शिवसेना के साथ गठबंधन कर चुनाव में उतरी भाजपा को मात्र 31 सीटें ही मिल पाई थीं। खासकर मुम्बई में जहाँ शिव सेना हमेशा से मजबूत स्थिति में रही है और वहां शिवसेना की मजबूत जड़ें भी रही हैं, वहां भी भाजपा ने बड़ी सफलता पाई है। मुम्बई क्षेत्र में जहाँ शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने स्वंय चुनावी अभियान संभाला था फिर भी भाजपा को जीत मिल गयी जिसका श्रेय मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को ही जाता है।
मुंबई स्थानीय चुनाव के लिए और न्यूज पढने के लिए यहां क्लीेक करें