मुंबई। मुंबई में हो रहे महानगरपालिका चुनाव में 227 सीटों के लिए कुल 2718 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र भरा है। पर्चा भरने वालों में निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ अधिकृत दलों के बागियों की तादाद ज्यादा है। इससे हर दल में बगावत को शांत करने का जोरदार प्रयास किया जा रहा है।
मुंबई महानगर पालिका की 227 सीटों के लिए कांग्रेस, राकांपा, भाजपा, शिवसेना व मनसे अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। इस चुनाव में भाजपा व शिवसेना में टिकट को लेकर जोरदार घमासान मचा हुआ था।
इतना ही नहीं कांग्रेस व राकांपा में टिकटों की मांग कुछ ज्यादा ही देखी गई, इसलिए सभी दलों की ओर से ए व बी फार्म सीधे उम्मीदवारों तक पहुंचाए गए। लेकिन ए-बी फार्म न मिलने के बावजूद पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने अपना नामांकन भर दिया है और पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को चुनौती देना शुरू कर दिया है।
सबसे अनुशासित मानी जाने वाली भाजपा भी इस रोग से ग्रस्त है, लेकिन बागी उम्मीदवारों को किसी तरह समझाने का प्रयास किया जा रहा है। मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने बताया कि सात फरवरी तक भाजपा के सभी बागी उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले लेंगे।
बता दें कि सात फरवरी नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख है। शिवसेना में बगावत को लेकर सबसे अधिक आपाधापी मची हुई है। यहां बगावत की वजह से कई शाखाएं बंद कर दी गई हैं। हालांकि मातोश्री से बागी उम्मीदवारों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। इतना ही नहीं बागियों को पदों की भी सौगात दी जा रही है।
कांग्रेस व राकांपा में भी बगावत को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी में बगावत का असर इस कदर बढ़ गया है कि वरिष्ठ नेता नारायण राणे, गुरुदास कामत, कृपाशंकर सिंह व नसीम खान ने चुनाव प्रचार तक करने से मना कर दिया है।