पटना। राजधानी पटना के प्रशासन द्वारा राघोपुर दियारा में आयोजित पंतग उत्सव में शनिवार को बड़ा हादसा हुआ। जिला प्रशासन की तरफ से आयोजित पतंग उत्सव में भाग लेकर लौट रही नाव पटना के नेशनल नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) घाट पर डूब गई।
मकर संक्रांति पर पटना के गंगा दियारा से पतंगोत्सव से लौट रहे लोग नाव से लौट रहे थे तभी लोगों की ज्यादा संख्या होने के कारण नाव गंगा में समा गई। इसमें सवार 23 लोगों की मौत हो गई जबकि 19 लोग तैरकर बाहर आ गए।
छह लोगों का इलाज पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में चल रहा है जिसमें दो बच्चे और चार युवा शामिल हैं। नाव पर सवार करीब 30 लोग अभी भी लापता हैं। यह हादसा शाम करीब पौने छह बजे हुआ जब निजी नाव सबलपुर दियारा से एनआईटी घाट के लिए खुली थी तब हुआ।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस पर करीब 74 लोग सवार थे। नाव करीब 15 से 20 मीटर ही आगे बढ़ी थी कि मोटर बंद हो गया और नाव अचानक डूबने लगी। अफरा-तफरी में कई लोग नाव से कूदे। तब तक नाव पूरी तरह बैठ गई। 19 लोग तैरकर बाहर निकले। इन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है।
शाम नौ बजे तक गंगा नदी से 15 शव निकाले जा चुके थे। बाकी करीब 30 लोगों की तलाश में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगी हुई थीं।
नाव के डूबने की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंच कर एसडीआरएफ की टीम ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए कई लोगों को बचाया। सीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों को मामले की जांच का निर्देश दिया है। उन्होंने मृतक के परिजनों को फौरन अनुग्रह राशि देने का आदेश भी दिया है।
दरअसल मकर संक्रांति को लेकर जिला प्रशासन ने दियारा इलाके में पतंग उत्सव का आयोजन किया था। शाम होने के बाद लौटने के दौरान यह हादसा हुआ। नाव पर आवश्यकता से ज्यादा लोग सवार थे जिस कारण ये हादसा हुआ।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा नदी में नौका दुर्घटना के बाद दियारा क्षेत्र में आयोजित दो दिवसीय पतंग उत्सव को रद्द करने के साथ दुर्घटना की जांच का आदेश दे दिया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाव डूबने की घटना पर गहरा दुख एवं संवेदना व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव एवं जिला प्रशासन को घायलों के समुचित इलाज के लिए त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, पटना के पुलिस उप महानिरीक्षक शालीन और पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने तथा इस पूरे प्रकरण की संयुक्त रूप से जांच करने का भी निर्देश दिया है।
घटनास्थल पर डीपीआरओ रवि भूषण और जिला नियंत्रण कक्ष के प्रभारी दंडाधिकारी मंजूर आलम समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
पीएमसीएच के अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि अस्पताल में रात दस बजे तक आए दस शवों में से परिजन सात शवों की पहचान कर घर ले जा चुके हैं और सभी मरने वाले लोग पटना के ही हैं।
तीन शव अभी अस्पताल में हैं और कई शव गंगा किनारे घाट पर हैं जिनकी पहचान अबतक नहीं हो पाई है। कुछ को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है और वे घर चले गए हैं।