मुंबई। अमिताभ बच्चन, आमिर खान और महेश भट्ट सहित प्रमुख बॉलीवुड हस्तियों ने सेंसरशिप को लेकर बड़े विवाद में फंसी फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ के समर्थन में आगे आते हुए अनुराग कश्यप का समर्थन किया जो फिल्म में बड़े कट्स की कथित मांग को लेकर सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी से भिड़े हुए हैं।
सूचनाओं के मुताबिक बोर्ड ने कथित रूप से फिल्म के नाम सहित पूरी फिल्म से ‘पंजाब’ शब्द हटाने और कहानी में 89 कट करने को कहा है। बोर्ड का यह फैसला निर्माताओं को कुछ रास नहीं आया और वे इसके खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय चले गए हैं।
अमिताभ, आमिर और भट्ट भाइयों के अलावा राकेश ओमप्रकाश मेहरा, जोया अख्तर, इम्तियाज अली, सुधीर मिश्रा और कबीर खान भी कश्यप के समर्थन में हैं।
कोलकाता में अपनी फिल्म ‘तीन’ के प्रोमोशन में व्यस्त इतर अमिताभ ने कहा कि जब आप हमारी रचनात्मकता का गला घोंटते हैं, तो हमारी आत्मा को मार डालते हैं… मैं आशा करता हूं कि हम ऐसी प्रणाली विकसित करें जहां सेंसर के स्थान पर सिर्फ प्रमाणन हो। कृपया रचनात्मकता को मारने का प्रयास ना करें। हमें रचना करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, क्योंकि हम इस क्षेत्र में हैं और हमारी आत्मा ही रचनात्मकता के लिए है।
उन्होंने कहा कि मुझे उड़ता पंजाब मामले की जानकारी नहीं है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसमें देरी होगी क्योंकि अब उन्हें अदालत में लड़कर अपना रास्ता बनाना होगा।
वहीं अभिनेता आमिर खान ने फिल्म से जुड़े इस विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि मुझे दुख है कि फिल्म को इससे होकर गुजरना पड़ रहा है। मेरी जानकारी के अनुसार, यह फिल्म मादक पदार्थों के नशे की लत पर आधारित है और सामाजिक संदेश देती है। मुझे नहीं लगता कि इसमें ऐसा कुछ है जिसे कट किया जाना चाहिए या दर्शकों को इससे दूर रखा जाना चाहिए…..।
उन्होंने कहा कि यह सेंसर बोर्ड की खराब छवि पेश करता है। आशा करता हूं कि अधिकरण में फिल्म के साथ न्याय होगा। फिल्म निर्माताओं की आवाज को दबाया नहीं जाना चाहिए… अािव्यक्ति की स्वतंत्रता होनी चाहिए। प्रत्येक भारतीय को इसका अधिकार होना चाहिए।
एक संवाददाता समेलन में महेश भट्ट ने कहा कि यह शर्म की बात है कि ‘आईना दिखाने’ वाली एक फिल्म जो मादक पदार्थों के प्रयोग को लेकर भारतीय समाज को शर्मसार करना चाहती है उसकी हत्या की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह इंडस्ट्री की समस्या बिल्कुल नहीं है, यह इस देश की समस्या है।
महेश भट्ट के भाई और फिल्म एंड प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मुकेश भट्ट ने कहा कि यह व्यक्ति जो सिर्फ अवरोधक है, सहायक नहीं उसे हटा देना चाहिए। यह कुछ ऐसा है जो बर्दाश्त के लायक नहीं है, जो फिल्मी जगत को अस्वीकार्य है और हम उसे बाहर देाना देाना चाहते हैं। उनका यह कदम दुर्भावनापूर्ण और अनैतिक है। वह झूठ बोलते हैं, प्रक्रिया में देरी करते हैं और लोगों को परेशान करते हैं।
उन्होंने कहा कि मैं मंत्रालय से पहलाज निहलानी को हटाने का अनुरोध करता हूं, फिल्म इंडस्ट्री उसे पद पर नहीं चाहती है। निर्देशक जोया अख्तर का कहना है कि हकीकत की अनदेखी करने से समस्याएं हल नहीं होंगी।
उन्होंने कहा कि आप किसी चीज को वयस्क प्रमाणपत्र देकर उसमें 89 कट नहीं कर सकते। समाज में जो कुछ भी चल रहा है हम उसे लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं। ऐसा लगता है, जैसे उसका कोई अस्तित्व ही नहीं है। मादक पदार्थों की कोई समस्या ही नहीं है, विवाहों में कोई बलात्कार नहीं हो रहा है, कोई नस्ली समस्या नहीं है… यह सिर्फ बकवास है।
कश्यप का कहना है कि वह फिल्म को बिना किसी कट के पहले से तय तारीख 17 जून को रिलीज करने का प्रयास करेंगे।
आप से पैसे लेने संबंधी निहलानी के आरोप के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि आप वाकई मुझसे उसका जवाब चाहते हैं? मैं नहीं जानता कि क्या कहना चाहिए। मैंने कोई पैसा नहीं लिया। काश कोई मुझे पैसे दे, ताकि मैं और फिल्में बना सकूं। मेरे पास ढेर सारे विचार हैं।
फिल्म में नशे की लत से जूझ रहे युवक की मुख्य भूमिका निभा रहे शाहिद कपूर का कहना है कि युवाओं को जानकारी पाने का अधिकार है। लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है और यही दिक्कत है। युवाओं को जानने का अधिकार है कि मादक पदाथों के नशे का जाल है। उन्हें जानने का हक है कि मादक पदार्थों का सेवन करने पर क्या होता है। हम सभी को इस फिल्म के संदेश का समर्थन करने की जरूरत है।
‘उड़ता पंजाब’ के निर्देशक अभिषेक चौबे का कहना है कि वह सेंसर बोर्ड के कट्स की मांगों के आगे घुटने टेकने के लिए तैयार हैं, क्योंकि वह नहीं चाहते कि निर्माताओं को नुकसान हो।
चौबे ने कहा कि बॉलीवुड में डर का माहौल है। दो दिन पहले, हमारी एक बैठक हुई, और बाद में मैंने विकास बहल और मधु मंटेना, निर्माता को संदेश भेजा और कहा कि कट्स के साथ ही फिल्म रिलीज करते हैं। उन्होंने कहा कि मुझमें इससे गुजरने की ताकत नहीं है। किसके पास इन सबके लिए समय है।
‘इश्किया’ और ‘डेढ़ इश्किया’ के निर्देशक का कहना है कि वित्तीय नुकसान के खतरे के बावजूद, निर्माताओं को लगा कि यह लड़ाई लडऩी जरूरी है। चौबे ने कहा कि हमें एहसास हुआ कि यदि हम पीछे हट जाते हैं तो ाविष्य में कोई भी राजनीतिक, मुद्दा आधारित, या किसी राज्य पर आधारित फिल्में नहीं बना
सकेगा। मुझे पता है कि एकता कपूर और अन्य लोगों के लिए बहुत बड़ा वित्तीय खतरा है, अनुराग कश्यप के लिए व्यक्तिगत खतरा भी है, लेकिन फिर भी साथ खड़े हैं।
‘बजरंगी भाईजान’ को लेकर खुद सेंसर का मामला झेल चुके निर्देशक कबीर खान का कहना है कि मादक पदार्थों की समस्या को नजरअंदाज करने का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि क्या हम यह कह रहे हैं कि मादक पदार्थों की समस्या नहीं है?… हम सभी जानते हैं कि पंजाब में किस हद तक मादक पदार्थों की समस्या है। मैं पिछले वर्ष पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्र में बजरंगी भाईजान की शूटिंग कर रहा था, और सभी इसके बारे में बात कर रहे थे।
सुधीर मिश्रा का कहना है कि यदि इरादा हमें डराने का है, तो मैं स्पष्ट कर दूं कि मुझे डर नहीं लगने वाला। इम्तियाज अली का कहना है कि फिल्म की सामग्री को आप उसकी रिलीज के बाद ही जज कर सकते हैं। लेकिन फिल्म निर्माताओं के तौर पर हमें इसे झेलना पड़ेगा। भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करने वाले किसी पर भी सवाल किया जाना चाहिए।
इस विवाद के संबंध में सवाल करने पर राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने कहा कि सेंसर बोर्ड को आयु सीमा के अनुसार फिल्मों को प्रमाणपत्र देना चाहिए ना कि कैंची चलानी चाहिए।
मेहरा ने कहा कि देश में सेंसर करने के विचार में सुधार की जरूरत है। मेरे अनुसार कोई कैंची नहीं चलनी चाहिए। हम पिछले पांच महीने से इसपर काम कर रहे हैं। पिछले सप्ताह ही हमने रिपोर्ट पूरी कर उसे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को सौंपा है। वाकई, हमें कैंची चलाना खत्म करना होगा। सेंसर बोर्ड में सुधार के लिए सरकार की ओर से श्याम बेनेगल की अध्यक्षता में गठित समिति में राकेश ओम प्रकाश मेहरा भी शामिल हैं।