मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर का कहना है कि वह गलत समय पर फिल्म इंडस्ट्री में आई हैं। स्वरा का नाम अर्थपूर्ण फिल्में करने वाली अभिनेत्रियों में लिया जाता है।
रांझणा, निल बटे सन्नाटा और अनारकली ऑफ आरा जैसी फिल्मों में स्वरा ने बॉलीवुड की टिपिकल हीरोइन बनने के बजाय दमदार किरदार निभाए हैं।
उन्होंने कहा कि मेरी लगभग सभी फिल्मों में मेरा किरदार परफॉर्मेंस वाला रहा है। भले ही वह व्यावसायिक फिल्म ही क्यों न हो? अब प्रेम रतन धन पायो से ज्यादा व्यवसायिक क्या हो सकता है, लेकिन उसमें भी मेरा जो रोल था, उसमें एक आत्मसम्मान का भाव था।
वह अपने हक के लिए आवाज उठाती है। उसे लगता है कि उसकी मां के साथ सही नहीं हुआ क्योंकि वह महाराज की शादीशुदा पत्नी नहीं थी।
स्वरा टिपिकल बॉलीवुड हीरोइनों वाले रोल करना चाहती है। आज जहां हर अभिनेत्री सब्जेक्ट बेस्ड फिल्में करना चाहती है, स्वरा अपनी फिल्मी इमेज से इतर पेड़ों के इर्द-गिर्द नाचने-गाने वाले रोल करना चाहती हैं।
स्वरा ने कहा कि मैं बचपन से बॉलीवुड देखकर बड़ी हुई हूं। मुझे बहुत अच्छी लगती है व्यवसायिक बॉलीवुड फिल्में। वही फिल्में देखकर मैं ऐक्ट्रेस बनी हूं। इसलिए मेरा बड़ा मन है पेड़ के इर्द-गिर्द नाचने का, लेकिन कोई मुझे कोई ऐसे रोल दे नहीं रहा। शायद मैं गलत टाइम पर आई इंडस्ट्री में, क्योंकि अब वैसी फिल्में बन ही कम रही हैं।