मुंबई। बंबई हाईकोर्ट ने लीला भंसाली की फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ के रिलीज पर रोक लगाने से शुक्रवार को इंकार कर दिया। अदालत ने प्रतिवादियों से कहा कि वे एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करें।
उच्च न्यायालय एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें आरोप लगाया कि फिल्म में शासक बाजीराव पेशवा से संबंधित ऐतिहासिक तथ्यों को तोड-मरोड़कर पेश किया गया है।
प्रतिवादियों में महाराष्ट्र सरकार, केंदीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष, फिल्म के निर्माता-निर्देशक संजय लीला ांसाली तथा फिल्म के कलाकार रणवीर सिंह, प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण शामिल हैं।
न्यायाधीश नरेश पाटिल की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील आर एन कचावे से कहा कि वह सिनेेमेटोग्राफिक कानून के उल्लंघन के आरोपों को देाते हुए वह केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाएं।
पुणे स्थित सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत पाटिल की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि फिल्म पेशवा नरेश बाजीराव और उनकी पत्नियों काशीबाई और मस्तानी की जिंदगी और इतिहास पर बनी है। उन्होंने फिल्म में गीत ‘पिंगा’ और ‘मल्हारी’ का विरोध करते हुए कहा कि इसमें बाजीराव और उनकी पत्नियों के पात्रों को गलत ढंग से पेश किया गया गया है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि बाजीराव पेशवा और उनकी पत्नियों ने अपनी जिंदगी में कभी नृत्य नहीं किया। उन्होंने कहा कि ‘पिंगा’ गीत मराठी संस्कृति को लेकर ‘आक्रामक’ है तथा महाराष्ट्र की महिलाओं का अपमान करने वाला है।