मुंबई। बंबई हाईकोर्ट ने सोमवार को प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर द्वारा दायर वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने उनके मालिकाना हक वाले कोल्हापुर के जयप्रभा स्टूडियो को धरोहर ढांचा घोषित करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को चुनौती दी थी।
न्यायाधी्रा आय आेका की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि कोल्हापुर नगर निगम ने स्टूडियो को धरोहर ढांचा घोषित करने की प्रक्रिया पूरी करने में लापरवाही दिखाई इसलिए राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति की।
पीठ ने कहा कि अधिकारी नियुक्त करने का सरकार का यह कदम पूरी तरह से कानूनी है। सरकार ने 29 दिसंबर 2012 को स्टूडियो को धरोहर ढांचा घोषित करने का आदेश पारित किया था।
लता इस फैसले के खिलाफ अदालत चली गई थीं और उन्होंने कहा कि धरोहर दर्जे के कारण स्टूडियो का पुनर्निर्माण, जीर्णाेद्धार या मरमत कार्य नहीं हो सकता। याचिका में कहा गया कि स्टूडियो को धरोहर ढांचा घोषित करने से पहले महाराष्ट्र क्षेत्रीय टाउन योजना कानून के तहत कोई नोटिस नहीं दिया गया।
लता ने वर्ष 1959 में मराठी फिल्मनिर्माता भालजी पेंढारकर से 13 एकड़ जमीन खरीदी थी जिस पर यह स्टूडियो बना है। पेंढारकर ने कोल्हापुर के पूर्व रजवाड़े से इस शर्त पर जमीन खरीदी थी कि इसका उपयोग फिल्म स्टूडियो बनाने के लिए किया जाएगा।