फिनिक्स। महान मुक्केबाज मोहम्मद अली का निधन हो गया। 74 वर्षीय अली गुरुवार से ही वह सांस की तकलीफ की वजह से अस्पताल में भर्ती थे। उनकी हालत बहुत ही ज्यादा गंभीर थी और उन्हें सांस लेने में बहुत ही ज्यादा परेशानी हो रही थी।
अली को पार्किनसन की बीमारी भी थी जिसने उनकी सांस लेने की समस्या को और ज्यादा गंभीर बना दिया था। पिछले कुछ सालों में अली को कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इससे पहले उन्हें 2015 के शुरू में पेशाब संबंधी परेशानी के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। अली तीन बार विश्व चैंपियन रहे हैं। 1964 में पहली बार यह खिताब जीतने के बाद वह 1974 और फिर 1978 में विश्व चैंपियन बने।
बता दें कि अली को न सिर्फ उनकी मुक्केबाज़ी बल्कि नागरिक अधिकार कार्यकर्ता के तौर पर भी जाना जाता था। उन्हें पार्किनसन की बीमारी थी जिसकी वजह उनके तीन दशक के करियर में वह हज़ारों मुक्के बताए जाते हैं जो उन्होंने मुकाबलों के दौरान खाने पड़े थे।
इसकी वजह से वह सार्वजनिक रूप से ज्यादा बातचीत करने में समर्थ नहीं थे। हालांकि अपने परिवार और प्रवक्ताओं के ज़रिए वह अपनी राय रखते रहते थे।
1996 में अटलांटा ओलिंपिक गेम्स में अली ने बिना पूर्व सूचना के उपस्थित होकर सबको अचंभित कर दिया था। पार्किनसन की वजह से उनके हाथ कांप रहे थे लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ओलिंपिक की मशाल जलाई थी।
इसके अलावा लंदन ओलिंपिक्स 2012 में भी वह व्हीलचेयर पर आए थे। उन्होंने चार बार शादी की थी और उनके नौ बच्चे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
मशहूर मुक्केबाज मोहम्मद अली के निधन पर भारत केप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को ट्वीटर पर लिखे अपने शोक संदेश में कहा कि मोहम्मद अली को श्रद्धांजलि। वे एक ऐसे अनुकरणीय खिलाड़ी और प्रेरणा का स्रोत रहे हैं, जिन्होंने मानवीय भावना और दृढ़ संकल्प की शक्ति का प्रदर्शन किया।