गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के असम भ्रमण के दौरान भाजपा और बोड़ोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के बीच असम विधानसभा चुनाव पूर्व गठबंधन होते ही कांग्रेस की पेशानी पर बल दिखने लगा है।
विधानसभा चुनाव में भाजपा के बढ़ते कदम को रोकने के लिए असम प्रदेश कांग्रेस और आल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर हुए हैं।
जैसे ही भाजपा व बीपीएफ के गठबंधन पर मुहर लगी वैसे ही कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और प्रदेश अध्यक्ष अंजन दत्त को दिल्ली तलब कर लिया।
कांग्रेसी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री बुधवार को दिल्ली रवाना हो रहे हैं।मुख्यमंत्री और अध्यक्ष के साथ ही असम प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सीपी जोशी की राहुल गांध के साथ आगामी गुरुवार को दिल्ली में तुगलक रोड स्थित राहुल गांधी के आवास पर दिन के 10.30 बजे बैठक होगी।
इस बैठक का मुख्य एजेंडा भाजपा को रोकने के लिए आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर चर्चा करना है। कांग्रेस को लगने लगा है कि अगर अकले चुनाव में उतरेंगे तो भाजपा से पार पाना उनके बस की बात नहीं है। इसलिए हर हाल में एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन करने के लिए रणनीति तैयार करना है।
हालांकि यह गठबंधन कांग्रेस के लिए आसान नहीं होने वाला है। क्योंकि एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन होते ही उपरी असम में कांग्रेस को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। उपरी असम कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। इसलिए गठबंधन के बाद कितना फायदा होगा और कितना नुकसान इसको लेकर कांग्रेस के दिग्गत मंथन करने की तैयारी में जुट गए हैं।