अजमेर। राजस्थान ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष पण्डित सुदामा शर्मा शिक्षा राज्यमंत्री मंत्री देवनानी के खिलाफ ब्राह्मण समाज के प्रति अपमानजनक टिप्पणी के मामले में कोर्ट में बयान दर्ज कराएंगे।
मालूम हो कि इस केस में सुदामा शर्मा ने अधिवक्ता विवेक पाराशर के माध्यम से इस्तगासा दायर किया था जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर 26 मई को सुनवाई की तारीख तय की थी।
शुक्रवार को सीजीएम कोर्ट ने अधिवक्ता विवेक पाराशर की दलीलों से सहमत होते हुए परिवादी पण्डित सुदामा शर्मा एवं गवाहों के बयान दर्ज करने के आदेश जारी किए। इस इस्तगासे के समर्थन में 51 ब्राह्मण अधिवक्ताओं ने हस्ताक्षर किए थे।
सुदामा शर्मा ने कोर्ट के इस निर्णय को न्याय संगत बताते हुए कहा कि समाज के स्वाभिमान का यह संघर्ष जब तक जारी रहेगा तब कि ऐसे मंत्री को पद से बर्खास्त नहीं किया जाता।
उन्होंने कहा कि कहा मैने तीन दिन पहले ही महाकाल की पूजा अर्चना की व महादेव से प्रार्थना की कि समाज के इस संघर्ष में वे आशीर्वाद प्रदान करें।
हमने इस विवाद को सुलझाने के अब तक उपलब्ध समस्त शांतिपूर्ण तरीकों का उपयोग किया है। परंतु सरकार ने चुप्पी साध रखी है। इसका दुष्परिणाम सरकार को आगामी चुनाव में भुगतना होगा।
इस अवसर पर राजस्थान ब्राह्मण महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा अब पानी सिर के ऊपर से निकल रहा है। ब्राह्मण समाज बहुत आहत हो चुका है। हमारा समाज सदेव ही सबको आशीर्वाद देता आया है और समाज के विरूद्ध ऐसी घोर निन्दाजनक टिप्पणी करने वाले व्यक्ति को अभी तक राजस्थान सरकार ने शिक्षा मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठा रखा है।
एक तो वह स्वयं बिना पात्रता के प्रोफेसर बने घूम रहे हैं। ऊपर से अपने द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी पर खेद व्यक्त करना तो दूर उल्टे समाज को भ्रमित करने की लगातार कार्यवाही कर रहे हैं।
भगवान परशुराम का अध्याय वर्तमान शैक्षणिक सत्र में सम्मिलित करने की उनकी घोषणा पूरी तरह झूठ साबित हुई। ऐसे व्यक्ति को एक क्षण भी मंत्री पद पर रहने का अधिकार नहीं है।
इस अवसर पर समाज के वकील व कार्यकर्ता उपस्थित थे।