अजमेर। ब्राह्मण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सोमवार को ढोल बजाकर मंत्री वासुदेव देवनानी के खिलाफ आंदोलन को और गति दी। मंत्री के घर के बाहर पत्रक बांटे तथा ब्राह्मण समाज पर की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर रोष जताया।
ब्राह्मण संघर्ष समिति ने पण्डित सुदामा शर्मा, बलराम शर्मा, घनश्याम मिश्र एवं गोविन्द शर्मा के नेतृत्व में समाज बंधु ढोल लेकर सबसे पहले मंत्री देवनानी के अजमेर संतकंवरराम कॉलोनी स्थित निवास के बाहर पहुंचे। मंत्री द्वारा मिलने का आग्रह ठुकराने पर ढोल बजाकर उन्हें चेताया गया व निवास पर ब्राह्मण संघर्ष समिति द्वारा मुद्रित पत्रक दिए।
ढोल की आवाज सुनकर आस पास लोगों को जमगट लग गया तो सभी नागरिकों को पत्रक वितरित किए। कई लोगों को उनके शिक्षाविद होने पर संदेह नहीं था, मंत्री द्वारा फर्जी प्रोफेसर की उपाधि धारण किए जाने पर लोगों को आश्चर्य हुआ और उन्होंने इसे बहुत ही हास्यास्प्रद माना।
ब्राह्मण समाज पर की गई टिप्पणी के प्रति भी लोगों ने नाराजगी व्यक्त की व सभी का मत था देवनानी को समय रहते अपनी गलती स्वीकार कर लेनी चाहिए थी। इस घटना को 40 दिन निकलने के बाद भी देवनानी घमण्ड में अड़े हुए हैं। मंत्री द्वारा ब्राह्मण संघर्ष समिति के लोगों से मिलना तो दूर उल्टे पुलिस का जत्था निवास पर बुला लिया जो बहुत दुःखद है।
पण्डित सुदामा शर्मा ने कहा कि यह अत्यन्त ही शर्मनाक घटना है एक ओर मंत्री लोगों में तरह तरह की बातें करते है और सामने आने से कतराते हैं। वैसे तो उनके शहर में फोटो के बैनर हर दो-चार दिनों में किसी न किसी बात पर लग जाते है परंतु अपने ही क्षेत्र के मतदाताओं से मिलने में क्या डर है? यह अत्यंत दुःखद है।
उन्होने कहा कि शहर में सभी वार्डो में 1 लाख पत्रक वितरित किए जाएंगे। सभी मुख्य सरकारी कार्यालयों एवं प्रमुख स्थानों पर पत्रकों का वितरण किया जाएगा।
पण्डित बलराम शर्मा ने कहा कि मंत्री देवनानी को लगता था ब्राह्मण समाज में शक्ति नहीं है। दो-चार दिन में यह आन्दोलन शांत हो जाएगा। परन्तु हम यह चेतावनी दे रहे है अब यह आन्दोलन उनकी पद से बर्खास्ती से ही समाप्त होगा।
राजस्थान ब्राह्मण महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष पण्डित राजीव शर्मा ने कहा कि कि किसी भी जनप्रतिनिधि के लिए इससे अधिक शर्मनाक और क्या हो सकता है? अपने ही लोगों को मिलने से रोकने के लिए पुलिस की सहायता लेनी पड़े।
ब्राह्मण समाज तो सदैव ही अंहिसा का पुजारी रहा है। फिर यह पुलिस का बन्दोबस्त करने का क्या औचित्य था अच्छा होता वे हमें घर के अंदर बुलाते और अपनी गलती स्वीकार करते। परंतु उन्होने कोई सकारात्मक पहल नहीं की।
महिला मोर्चा उपाध्यक्ष जयश्री शर्मा ने कहा कि लगता है मंत्री देवनानी की राजनीतिक सुझबुझ अब समाप्त हो गई है। बिना पात्रता के स्वयं को वर्षो से प्रोफेसर उपाधि से सुशोभित करने के क्रम में जैसे ही न्यायालय ने लिखित में जवाब मांगा उनकी सहनशीलता व धैर्य उनके व्यक्तित्व से लुप्त हो गई और व्यक्ति के चरित्र में से ये दो गुण समाप्त होने के पश्चात् व्यक्ति शीघ्र ही हांसिये पर चला जाता है।
गौड ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पण्डित गोविन्द शर्मा ने कहा कि देवनानी को लगता है सभी लोग मूर्ख है वे अब तक स्वयं को बहुत बड़े राजनीतिज्ञ मान रहे थे। आज उनकी स्थिति बहुत दयनीय हो गई है। एक पार्षद भी अपने घर पर आए नागरिकों से अवश्य भेंट करता है। परंतु मंत्री पद पर होने के बावजूद समाज में वे कोई आदर्श प्रस्तुत नहीं कर पाए, उल्टे उनके कारण फर्जी डिग्रीयों की चर्चा अवश्य ही लोगों में आम हो गई है।
अंराई मण्डल से पण्डित महेश चन्द शर्मा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी की भाजपा जिसे देश ही नहीं वरन् विदेश में भी सम्मान मिल रहा है। ऐसे व्यक्ति के कुकृत्य से पार्टी और मोदी की छवि पर दाग लग रहा है, ऐसे व्यक्ति को तुरंत हटा देना चाहिए।
इस अवसर पर श्रीअजमयमेरू विप्र संस्थान के रामदयाल शर्मा, सुरेश शर्मा, गोरधन दाधिच, सोमरत्न दाधिच, चन्द्र प्रकाश अजगारा, महावीर दाधिच, योग नारायण व्यास, बालकिशन, भागचन्द शर्मा, प्रभु शुक्ला, अशोक शर्मा, दादिया से अजय दाधिच, फारसिया श्रीनगर से निर्मल दाधिच, महावीर दाधिच, राजेश पारिक आदि ब्राह्मण समाज के बन्धु उपस्थित थे।