पटना। बिहार में महागठबंधन टूटने से नाराज चल रहे जनता दल (युनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने यहां गुरुवार को कहा कि बिहार में गठबंधन टूटने और फिर अलग पार्टी के समर्थन से सरकार बनाने की घटना से लोकतंत्र में विश्वास पर संकट उत्पन्न हो गया है।
अपने तीन दिवसीय बिहार दौरे पर पटना पहुंचे शरद ने यहां कहा कि 70 वर्ष के इतिहास में कभी ऐसा नहीं देखा गया कि चुनाव में दो दल आमने-सामने लड़े हों, दोनों के ‘मेनेफेस्टो’ बिल्कुल तरह अलग हों और बीच में ही मिल गए हों। इस घटना से लोकतंत्र में विश्वास पर संकट उत्पन्न हो गया है।
जद (यू) के नेता ने आगे कहा कि बिहार में लोगों के विश्वास के साथ आघात हुआ है। इससे मुझे भी दुख पहुंचा है। जनता की राय से जो गठबंधन बना था और जनता से जो करार किया गया था, उसके साथ विश्वासघात हुआ है।
उन्होंने कहा कि आज से तीन दिनों तक वे जनता के बीच जाएंगे और उनसे इस विषय पर बात करेंगे। यादव ने कहा कि इस दौरे की सूचना जनता दल के कुछ वरिष्ठ सहयोगियों को छोड़कर किसी को नहीं दी गई है और न ही इसे लेकर कोई तैयारी की गई है।
इससे पूर्व पटना हवाई अड्डा पहुंचने पर शरद के समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर हालांकि जद (यू) के कार्यकर्ताओं की संख्या कम दिखी। शरद के समर्थकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस मौके पर बिहार के पूर्व मंत्री रमई राम भी शरद के साथ दिखाई दिए। जद (यू) ने शरद के इस दौरे से किनारा कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद नीतीश के भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद शरद यादव नीतीश से नाराज चल रहे हैं। इस दौरान कई मौकों पर उनकी यह नाराजगी सामने भी आ चुकी है।