नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ‘ईवीएम-छेड़छाड़ धोखाधड़ी’ के लिए निर्वाचन आयोग को दोषी ठहराया। केजरीवाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग का एकमात्र लक्ष्य किसी भी कीमत पर भाजपा को सत्ता में लाना है।
केजरीवाल ने कहा कि राजस्थान के धौलपुर में 18 ऐसी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें सामने आई हैं, जिसमें किसी भी बटन को दबाने पर सिर्फ भारतीय जनता पार्टी को वोट पड़ते हैं। धौलपुर में रविवार को उपचुनाव में मत डाले गए।
केजरीवाल ने मीडिया से कहा कि एक निर्वाचन क्षेत्र में 18 ईवीएम का मतलब है कि कुल मशीनों में से करीब दस फीसदी से छेड़छाड़ हुई। केजरीवाल ने दूसरी 90 फीसदी मशीनों को लेकर भी संदेह जताया।
केजरीवाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग सभी सबूतों के बावजूद भी ईवीएम छेड़छाड़ की जांच करने के लिए अभी भी तैयार नहीं है। इससे संदेह पैदा हो रहा है कि कहीं इसी के निर्देश पर तो छेड़छाड़ नहीं की जा रही है?
उन्होंने इससे पहले मध्य प्रदेश के भिंड में कथित तौर पर ईवीएम से छेड़छाड़ की घटना का भी जिक्र किया।
आम आदमी पार्टी नेता ने कहा कि निर्वाचन आयोग का यह कहना सही नहीं है कि मशीने खराब थीं। वास्तव में, उनसे छेड़छाड़ की गई थी।
केजरीवाल ने कहा कि यदि उनमें कोई खराबी थी तो कुछ मशीनों को कांग्रेस, कुछ को आप और कुछ को भाजपा को वोट करना चाहिए था। लेकिन क्यों सभी खराब मशीनें सिर्फ भाजपा को वोट कर रही थीं?
केजरीवाल ने कहा कि इसका मतलब है कि इसमें खराबी नहीं है, बल्कि मशीनों के साफ्टवेयर से छेड़छाड़ की गई है या इन्हें पूरी तरह से बदल दिया गया है।
केजरीवाल ने कहा कि ऐसे में हर जगह चुनाव कराने की जरूरत ही क्या है, आयोग को हर चुनाव में भाजपा को खुद ही विजेता घोषित कर देना चाहिए।
केजरीवाल ने कहा कि अब निर्वाचन आयोग की स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से चुनाव कराने में दिलचस्पी नहीं रही। ऐसा लगता है कि अब उनका एकमात्र उद्देश्य भाजपा को किसी कीमत पर सत्ता में लाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के 23 अप्रेल को होने वाले चुनावों के लिए सभी ईवीएम राजस्थान से लाई जा रही हैं जबकि बड़ी संख्या में ईवीएम दिल्ली में उपलब्ध हैं।
केजरीवाल ने कहा कि राजस्थान की सभी ईवीएम में हेरफेर की गई है। यही कारण है कि वे चाहते है कि इन मशीनों का चुनाव में इस्तेमाल किया जाए।
केजरीवाल ने इससे पहले दिल्ली नगर निगम चुनावों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मतपत्रों के इस्तेमाल करने की मांग की थी और कहा था कि ऐसा करने के लिए फिलहाल चुनाव को टालना पड़े, तो इसे टाल दिया जाए।