लंदन। एमबैरेस्मेंट, लोरेसेंट और नेसेसरी उन चंद शब्दों में से है जिनकी स्पैलिंग बताने में ब्रिटेन के अधिकतर लोगों के पसीने छूट जाते हैं। वैज्ञानिकों द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। इस अध्ययन के लिए दो हजार वयस्कों को चुना गया था इन लोगों में से आधे लोगों को रोजमर्रा में बोले जाने वाले 50 शब्दों की स्पेलिंग बताने में मुश्किलें आई।…
दिलचस्प बात यह है कि एम्बैरेस्मेंट फ्लोरेसेंट और अकौमडेट की स्पेलिंग बता पाने वाले चंद ही लोग थे जो आगे चल कर अकरेंस क्वेचनेयर और रिदम की स्पेलिंग में अटक गए। अध्ययन से पता चला है कि यहां के लोग शब्द की सही स्पेलिंगके लिए गूगल अथवा अन्य प्रकार के साफ्फ्टवेयर की मदद लेते हैं।
40 प्रतिशत लोगों ने इस बात को स्वीकार किया कि वह इसके लिए स्पेलिंग असिस्टेंस की सहायता लेते हैं। इन लोगों ने कहा कि अगर उन्हें ऑटोकरेक्ट अथवा स्पेल चेकिंग तकनीक की सहायता नहीं मिले और अपने ज्ञान के भरोसे स्पेलिंग लिखने के लिए कहा जाएतो वह शायद कुछ ही शब्द सही लिख पाए।
शोधकर्ता इस समस्या की एक खास वजह बताते हैं। उन्होंने कहाकि 40 प्रतिशत से अधिक लोग हाथ से लिखते ही नहीं हैं इसलिए स्पेलिंग भूलते जा रहे हैं। 50 शब्द जो ब्रिटेनवासियों के लिए मुश्किल है, उनमें से कुछ है लाइसेंस, सेपरेट, बिलीव, कलीग, डेफिनेट, वियर्ड, सिम्फनी, स्पेसीज, अपीयरेंस, डिफिकल्टी, फारेन, इक्यूप्मेंट, नेबर, फ्रेंड, ब्यूटीफुल, बिजनेस।