रामगढ़। भोला पांडेय गिरोह के शूटर और रामगढ़ निवासी स्वर्गीय संतोष सिंह की पत्नी अंजू और उसके चार साल के बेटे को अगवा कर ले जा रहे दो अपराधियों को गोला पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पुलिस महिला को अगवा करने के दो आरोपियों राजन उर्फ राहुल सिंह और गौरव कुमार को पकड़ने में कामयाब रही। जबकि एक आरोपी भागने में सफल रहा।
आरोपी राहुल सिंह महिला का अपना देवर है। आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद गोला थाना प्रभारी संजय कुमार ने अंजू को प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया और मामले की पूरी जानकारी ली।
गौरतलब है कि भोला पांडेय गिरोह के शूटर और रामगढ़ निवासी स्वर्गीय संतोष सिंह की पत्नी और चार साल के बेटे को रविवार दिनदहाड़े उसके देवर राजन उर्फ राहुल सिंह ने अगवा किया था।
अपने चार सहयोगियों के साथ दुसाध मुहल्ला पहुंच कर उसने अपनी भाभी और भतीजे को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया और कार में लाद कर हत्या करने के लिए गोला ले जा रहा था, लेकिन जैसे ही अंजू पर बेहोशी का असर कम हुआ तो उसने गेट खोलने का प्रयास किया।
तभी वहां पहले से मौजूद देवर के सहयोगियों ने गेट से हाथ हटाने के साथ ही सिर पर पिस्टल भिड़ाते हुए कहा कि ज्यादा होशियार बनने की कोशिश मत करो नहीं तो यहीं गोली मार देंगे।
अपनी जान की परवाह किए बिना अंजू कार से कूद गई क्योंकि जहां पर वह कूदी थी उसके सामने ही गोला थाना का मुख्य द्वार था। पुलिस के कई जवान वहां पर पहले से ही मौजूद थे।
वे सभी अविलंब अंजू के पास पहुंचे तो अंजू ने अपने चार वर्षीय बेटे की सूचना कार में होने की दी और कहा कि उसे मेरा देवर कुछ सहयोगियों के साथ हत्या के लिए ले जा रहा है।
इधर अंजू को कार से कूदता देख आरोपियों ने तुरंत ही कार को रामगढ़ की ओर मोड़ा और अंजू को उठाने का प्रयास किया पर विफल रहे।
इसके बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई और कार का पीछा करते हुए गोला बरवाटांड़ के रेलवे क्रॉसिंग के पास कार को पीछे छोड़ते हुए आरोपियों ने धान की खेत में दौड़ लगा दी।
सर्वप्रथम पुलिस ने बच्चे को अपने कब्जे में लेते हुए दो आरोपियों राजन उर्फ राहुल सिंह और गौरव कुमार को पकड़ने में पुलिस कामयाब रही, जबकी एक आरोपी भागने में सफल रहा।
इधर, गोला थाना प्रभारी संजय कुमार ने अंजू को प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया और मामले की विस्तृत जानकारी ली।
गोला थाना प्रभारी ने बताया कि इसी वर्ष 14 अगस्त को भोला पांडेय गिरोह के शूटर संतोष सिंह को रातू रोड में श्रीवास्तव गुट के सदस्यों ने गोलियों से भून डाला था। जिसमें संतोष सिंह की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी।
मौत के इतने दिन बीत जाने के बाद भी श्रीवास्तव गुट के लोगों पर संतोष सिंह की पत्नी अंजू सिंह के द्वारा कोई मुकदमा दर्ज नहीं किए जाने के कारण क्षुब्ध होकर उसके अपने देवर राजन उर्फ राहुल सिंह ने अंजू की हत्या की योजना बनाई थी।