चंडीगढ़। पंजाब के मोहाली में नकली दो हजार के नोट के साथ पकड़े गए युवा काफी प्रतिभाशाली थे। नकली नोट कांड का मुख्य मास्टर मांइड अभिनव वर्मा दृष्टिहीनों के लिए विशेष उपकरण भी बना चुका है। जिसके लिए उसको काफी प्रसिद्धी भी मिली थी।
उसने अंगूठी के आकार का ऐसा उपकरण बनाया है। जिससे के माध्यम से दृष्टिहीन को दूर से ही आने वाले का अंदाजा सैंसर की आवाज से लगा सकता है।
गौरतलब है कि पंजाब केे मोहाली में मंगलवार की रात्रि में पुलिस ने लाल बत्ती लगी गाड़ी से 42 लाख रूपए बरामद किए थे। पुलिस द्वारा बरामद नोट 2000 के थे।
पुलिस पूरे मामले को दबाए रखा और लाल बत्ती गाड़ी में नोट के साथ गिरफ्तार युवक और युवती से पूरे मामले की पूछताछ करते रहें। इसके बाद पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा बुधवार को किया।
पुलिस के अनुसार नोट के साथ गिरफ्तार युवक व युवती रिश्ते में भाई-बहन हैं। गिरफ्तार युवती विशाखा मुख्य आरोपी अभिनव के मामा की लड़की है। दोनों ने बीटेक है।
इन्होंने पहले 2000 के नोट कम्प्यूटर पर स्कैन करके बनाया। इसके बाद इस नोट को बाजार में चलाया। इसके बाद इन्होंने बड़े पैमाने पर नोटों को छापने का मंसूबा पाला और रातों रात अमीर बनाना चाहते थे।
पुलिस के अनुसार इन्होंने लगभग तीन करोड़ के नकली नोट छापे हैं। जिनमें से लगभग 2 करोड़ रूपए छह लोगों को चूना लगाकर उन्हें दे चुके हैं।
आरोपी इन लोगों से 500 और 1000 के पुराने नोट लेकर नकली नोट 30 प्रतिशत की कमीशन पर दे देते थे। युवक व युवती के गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब ब्लैकमनी को व्हाइट करने वालों को खोज रही है।