अमृतसर। पाकिस्तान के लाहौर प्रांत में हुए ब्लास्ट की धमक अटारी बार्डर पर भी देखने को मिली है। हालांकि बीएसएफ ने पहले ही अटारी बार्डर पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हैं लेकिन ब्लास्ट के बाद सुरक्षा प्रबंध और ज्यादा कड़े नजर आए।
समझौता एक्सप्रैस से लेकर दोस्ती बस को खास सुरक्षा घेरे में लाया गया है, दोस्ती बस तो कुछ घंटे लेट भी हुई है। बीएसएफ ने आईसीपी अटारी से लेकर पूरे रिट्रीट सैरेमनी स्थल तक अभेद्य सुरक्षा चक्र बनाया है जिसको भेद पाना आसान नहीं है।
रिट्रीट सैरेमनी स्थल की बात करें तो कभी अलकायदा तो कभी तहरीक-ए-तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों की तरफ से रिट्रीट सैरेमनी स्थल को निशाना बनाने की कई बार धमकी जा चुकी है लेकिन बीएसएफ के कड़े सुरक्षा प्रबंधों के कारण आज तक वे अपने इरादों में कामयाब नहीं हो सके हैं।
हालांकि पाकिस्तानी वाघा बार्डर स्थित रिट्रीट सैरेमनी स्थल के एंट्री प्वाइंट पर आतंकवादी संगठन धमाके कर चुके हैं जिसमें दर्जनों लोगों की जान चली गई लेकिन भारतीय खेमे में हालात पूरे नियंत्रित में हैं।
बीएसएफ अमृतसर सैक्टर के डीआईजी सुमेर सिंह के प्रयासों के बाद रिट्रीट सैरेमनी स्थल के एंट्री प्वाइंट कस्टम गेट से 100 मीटर पीछे ही किसी प्रकार के घुसपैठ करने वाले वाहन को रोकने के लिए प्रबंध किए गए हैं ताकि कोई भी घुसपैठिया रिट्रीट सैरेमनी स्थल तो क्या इसके आसपास भी न फटक सके।
आईसीपी गेट के सामने से ही सुरक्षा चक्र बना दिया गया है और जो बैरीगेड्स लगाए गए हैं उनके नीचे लंबे कील लगा दिए गए हैं और इनके ऊपर गमले लगाए गए हैं ताकि घुसपैठिए को इसके बारे में पता न चले।
इसके साथ ही जैसे ही कोई घुसपैठिया इन बैरीगेड्स को तोडऩे का प्रयास करेगा है तो एक प्रैशर अलार्म बजने लगेगा जिससे पूरे रिट्रीट सैरेमनी स्थल में तैनात बीएसएफ के अधिकारियों व जवानों को घुसपैठ संबंधी सिगनल मिल जाएगा और सभी जवान अपना-अपना मोर्चा संभाल लेंगे। बीएसएफ इस सुरक्षा चक्र की मॉक ड्रिल भी आए दिन करती रहती है ताकि हर प्रकार की परिस्थिति से निपटा जा सके।