ग्वालियर। एक सैनिक की बेटी पिता की छुट्टी खत्म होने के बाद फिर से ड्यूटी पर जाने से इतनी दुखी हुई कि उसने रात को फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। सुसाइड के समय घर पर उसकी मां भी थी, लेकिन उसे अंदाजा नहीं लगा कि वह ऐसा कदम उठा लेगी।
यह मामला टेकनपुर की बीएसएफ अकादमी का है। यहां रहने वाले केपी सिंह बीएसएफ में हवलदार हैं और उनकी बेटी आकांक्षा ग्वालियर में केन्द्रीय विद्यालय में 10वीं में पढ़ती है। हमेशा 95 फीसदी मार्क्स लाने वाली आकांक्षा ने रविवार की देर रात को बीएसएफ परिसर में ही फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया।
देर रात किया सुसाइड
एक मेधावी लडक़ी के इस प्रकार से सुसाइड करने से उसके परिजन आश्चर्य में हैं, क्योंकि वह पढऩे में हमेशा अव्वल रहती थी। आकांक्षा की मां शैलेष सिंह ने बताया कि रात को सब कुछ ठीक था और वह प्रतिदिन की भांति पढ़ाई कर रही थीं। देर रात को आकांक्षा का शव छत से लटका हुआ था।
पिता के ड्यूटी जाने से हुई दुखी
बताया जाता है कि वह अपने पिता केपी सिंह के बहुत करीब थी। केपी सिंह कश्मीर में ऊधमपुर सेक्टर में तैनात हैं। कुछ दिन पहले वे आतंकी हमले में घायल हुए थे और अपना इलाज कराने टेकनपुर आए थे। चार दिन पहले ही वे फिर से बार्डर पर ड्यूटी करने चले गए। इससे आकांक्षा दुखी हो गई।
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस को आशंका है कि दुखी होकर आकांक्षा ने सुसाइड जैसा कदम उठा लिया। अभी आकांक्षा के कमरे से किसी प्रकार का सुसाइड नोट नहीं मिला है।