नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती का राज्यसभा से इस्तीफा गुरुवार को मंजूर कर लिया गया। बताया जाता है कि बसपा प्रमुख के एक नया पत्र सभापति हामिद अंसारी को दिया, जिसके बाद उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया।
सूत्रों के अनुसार मायावती को नियमों के तहत एक पंक्ति का एक पत्र देना था। इससे पहले उन्होंने तीन पन्नों का एक पत्र दिया था, जिसे सशर्त प्रस्ताव मानते हुए स्वीकार नहीं किया जा सकता था।
मायावती ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में ‘दलितों के खिलाफ हिंसा’ के बारे में राज्यसभा में निर्धारित समय के बाद बोलने से उपसभापति पी.जे. कुरियन द्वारा मना करने पर मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था।
मायावती का छह साल का कार्यकाल अगले साल अप्रेल में खत्म हो रहा है। मायावती ने कहा कि दलित व वंचित तबके के लिए जब उन्होंने बोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी तो उनके सदस्य बने रहने का कोई उद्देश्य नहीं है।
अपना इस्तीफा देने से पहले मायावती ने कहा कि यदि मुझे बात रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी व जिस तबके से मैं आती हूं उनका प्रतिनिधित्व करने नहीं दिया जाएगा और मुझे दलितों पर हुए अत्याचार पर अपने विचार नहीं रखने दिया जाएगा तो सदन में रहने का कोई मतलब नहीं है।
मायावती से बुधवार को कुरियन व दूसरी कई पार्टियों के नेताओं ने इस्तीफा वापस लेने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि मायावती की सदन में उपस्थिति जरूरी है।