कानपुर। भाजपा के पूर्व नेता दयाशंकर सिंह की बहन बेटी पर अमर्यादित टिप्पणी के बाद बैकफुट पर आई बसपा अब पूरी तरह उसकी काट ढूढ़ने में जुट गई है।
जोनल कोआॅर्डिनेटर ने गुरूवार को बंद कमरे में पदाधिकारियों के साथ बैठक करके गहन मंत्रणा की और इस दौरान मीडिया से पूरी तरह दूरियां बनाई गयी।
गुजरात में दलितों की पिटाई से लेकर भाजपा नेता दयाशंकर सिंह द्वारा बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ की गई टिप्पणी के बाद रक्षात्मक रूख अख्तियार करने वाली भाजपा को बसपा नेताओं ने सिंह की बहन-बेटी पर अमर्यादित टिप्पणी कर बैठे-बैठाए मुद्दा दे दिया।
भाजपा हर हाल में इस मुद्दे को भुनाना चाहती है जिसके चलते भाजपा दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह को आगे कर मामले को राजनीतिक हवा देने में जुटी हुई है।
भाजपा की महिलाओं के जबरदस्त विरोध से बसपा पूरी तरह से बैकफुट पर चली गई जिससे निकलने के लिए बसपा नेता छटपटाने लगे और अपने सुप्रीमो के आदेश पर इसकी काट ढूढ़ने में जुट गए।
इसी के तहत गुरूवार को कानपुर जोनल कोआॅर्डिनेटर डा. अशोक सिद्धार्थ ने रागेन्द्र स्वरूप आॅडियोटोरियम मे जोन के पदाधिकारियों के साथ बंद कमरे में गहन मंत्रणा की। हालांकि बैठक से मीडिया को पूरी तरह दूर रखा गया।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में स्वाति सिंह के मामले को लेकर पदाधिकारियों से विचार विमर्श कर इसकी काट ढूढ़ने को कहा गया है। इसके साथ ही यह भी हिदायत दी गई कि इस मामले पर कोई भी पदाधिकारी मीडिया से बात नहीं करेगा।
भाजपा के लगातार विरोध से तिलमिलाई बसपा अब दलितों के उत्पीड़न की सूची तैयार करने में जुट गई है।
सूत्रों ने बताया कि सिद्धार्थ ने पदाधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि अपने-अपने क्षेत्र में उन दलितों की सूची बनाएं जिनका किसी न किसी प्रकार से उत्पीड़न हुआ हो और उनसे बराबर संपर्क रखें।
खासतौर पर सामाजिक उत्पीड़न के मामले को प्रमुखता से आगे लाएं जिससे भाजपा को समय रहते जवाब दिया जा सके।