लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी से निकाल दिया। साथ ही उनके बेटे अफजल सिद्दीकी को भी पार्टी से निकाल दिया गया है। दोनों पर पार्टी के खिलाफ काम करने का आरोप है।
बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर टिकट बांटने में पैसा लेने का भी आरोप लगा है। उन्होंने कहा कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बेनामी संपत्ति बना ली है साथ ही इनके कई अवैध बूचड़खाने भी चल रहे हैं, जिसके चलते पार्टी की छवि खराब हो रही थी। नसीमुद्दीन और उनके बेटे अफजल को पार्टी के सभी पदों से बर्खास्त करने के साथ बाहर कर दिया गया है।
सूत्रों का कहना है कि यूपी विधानसभा चुनाव में बीएसपी की हार के बाद से नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर कार्रवाई का अंदाजा लगाया जा रहा था। चुनाव परिणाम आने के कुछ दिन बाद ही नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बीएसपी के मध्यप्रदेश में संगठन की कमान दी गई थी। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि बीएसपी नसीमुद्दीन को उत्तर प्रदेश की राजनीति से बाहर करने की तैयारी है।
मालूम हो कि यूपी चुनाव परिणाम आने के बाद मेरठ और मुरादाबाद में हुई पार्टी की समीक्षा बैठकों में भी कार्यकर्ता नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर पैसे लेकर टिकट बांटने का आरोप लगा चुके थे। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान बीएसपी का सोशल मीडिया नसीमुद्दीन के बेटे अफजल सिद्दीकी की देखरेख में था।
ईवीएम मुद्दे को लेकर मिश्रा ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में जो दिखाया गया, वह गंभीर है। उन्होंने कहा कि हमारा भी मानना है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। मालूम हो कि आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में ईवीएम से छेड़छाड़ का लाइव डेमो दिया था।