मुंबई। बुलढ़ाणा जिले के खामगांव में स्थित एक आश्रमशाला के स्कूल में दीपावली के पूर्व घटित हुए बलात्कार के मामले में जहां 10 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है, वहीं 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि स्कूल की अनेक नाबालिग छात्राओं के साथ बलात्कार का मामला प्रकाश में आने के बाद, इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच की जिम्मेदारी एक आईएएस महिला अधिकारी को सौंपी है।
वहीं महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक सतीश माथुर ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करके उसके जांच का जिम्मा सौंपा है। पुलिस ने इस मामले में चार और लोगों को गिरफ्तार किया है।
इसके पहले इस मामले में मुख्याध्यापक सहित कुल 11 तथाकथित आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इस तरह से इस प्रकरण में अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तो दस कर्मचारियों को निलंबित करने के साथ 17 के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है।
इस मामले में आदिवासी मंत्री विष्णु सावरा का कहना है कि छह नाबालिग बच्चियों के साथ अत्याचार होने की संभावना प्रबल है। हालांकि उन्होंने कहा कि मामले में वैद्यकीय जांच अभी बाकी है।
स्कूल की छात्राओं से बलात्कार का मामला सामने आने के बाद राकांपा प्रदेश प्रवक्ता नवाब मलिक ने इस मामले में आदिवासी विकास मंत्री व महिला बालकल्याण मंत्री से इस्तीफा मांगा था।
गौरतलब है कि बुलढ़ाणा जिले के खामगांव में स्थित एक आश्रमशाला में बलात्कार की घटना के प्रकाश में आने पर सरकार ऐसे मामले में अंकुश लगाने के लिए कारगर उपाय करने की योजना बना रही है।
इसके तहत स्कूल में एक पेटी रखी जाएगी, जिसमें छात्राएं अपनी शिकायत डाल कर अपनी बात उच्चाधिकारियों तक पहुंचा सकती हैं। खामगांव में घटित हुए बलात्कार के मामले में चर्चा है कि मुख्याध्यापक सहित अनेक शिक्षकों को इस मामले की जानकारी थी, पर वे सब अपना मुंह बंद रखे थे। पुलिस ने मुंह बंद रखने को लेकर अनेक लोगों के विरोध में घटना पर पर्दा डालने का मामला दर्ज किया है।
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