मुंबई। गैर-चांदी की ज्वैलरी पर लगाए गए एक्साइड ड्यूटी को हटाने से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे वक्त में जब कई आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स का भुगतान करना जरूरी है, लग्जरी वस्तुएं टैक्स के दायरे में बाहर नहीं रह सकती हैं।
दूसरी ओर एक्साइज ड्यूटी हटाने की मांग को लेकर देशभर के ज्वैलर्स सोमवार को 41वें दिन भी हड़ताल पर हैं। उनका कहना है कि सरकार जब तक अपने फैसले को वापस नहीं लेती हम हड़ताल पर रहेंगे।
प्रेस क्लब में मीडिया के साथ बातचीत में जेटली ने कहा कि जब सीमेंट, कपड़ा जैसी आवश्यक वस्तुओं के विनिर्माताओं को कर का भुगतान करना पड़ता है तो कोई लग्जरी वस्तु कैसे कर के दायरे से बाहर रह सकती है। यदि हम सोने पर जीएसटी नहीं लाते हैं तो अन्य वस्तुओं पर कर बढ़ाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि जब देश जीएसटी की दिशा में बढ़ रहा है ऐसे में लग्जरी वस्तुओं को कर से छूट देने का कोई कारण नहीं बनता।
जेटली ने कहा कि केन्द्र ने एक लाभ दिया है कि सोने पर उत्पाद शुल्क वैट के समान होगा और सरकार ने यह आशंका दूर करने का प्रयास किया है कि कारीगर नए कराधान से प्रभावित नहीं होंगे। दिल्ली सर्राफा बाजार में बीते सप्ताह भी कारोबार नहीं हुआ।
देश भर में आभूषण कारोबारियों की महीने भर से भी अधिक पुरानी हड़ताल जारी है और इसका असर राजधानी के सर्राफा बाजार पर भी रहा।
सर्राफा व्यापारी गैर चांदी वाले आभूषणों पर बजट में एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाने की घोषणा को वापस लेने की मांग को लेकर कारोबार बंद कर आंदोलन कर रहे हैं। सरकार ने उनकी समस्याओं पर गौर करने के लिए एक समिति को गठित कर दी है पर उनकी हड़ताल जारी है।