बुरहानपुर। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने कक्षा 10वीं का वार्षिक परीक्षा परिणाम सोमवार को घोषित किया। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों की सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों ने इस बार काफी अच्छा परफार्मेंस दिया, लेकिन शहरी क्षेत्र की सरकारी स्कूलें फिसड्डी साबित हुई।
आलम यह है कि बुरहानपुर की शनवारा स्थित हाईस्कूल का वार्षिक परीक्षा परिणाम महज 12 प्रतिशत रहा। यहां परीक्षा में ८ बच्चे बैठे थे, लेकिन पास केवल एक ही छात्र हुआ। जबकि 4 विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री आई।
वहीं जिले में सबसे टॉप पर ग्राम बोदरली की हाईस्कूल रही। इसका परीक्षा परिणाम 95 प्रतिशत रहा। यहां 80 में से 76 विद्यार्थी पास हुए। हालांकि यह पिछले साल से 5 फीसद कम है। पिछले साल इस शाला का परीक्षा परिणाम 100 फीसद था।
शहरी क्षेत्र की शनवारा हाईस्कूल का महज 12 फीसदी परीक्षा परिणाम आने पर शिक्षा विभाग इसकी समीक्षा में लग गया है। यहां शैक्षणिक सत्र शुरू होते समय करीब 15 विद्यार्थी दर्ज थे, लेकिन 7 ने शाला छोड दी। 8 बच्चे परीक्षा में बैठे एक पास हुआ 4 को सप्लीमेंट्री आई। जबकि तीन फेल हो गए। यहां प्राचार्य सहित 3 शिक्षकों का स्टाफ है। जबकि संकुल केंद्र की ओर से 3 अतिथि शिक्षक भी थे, लेकिन इसके बावजूद परीक्षा परिणाम महज 12 फीसदी रहा।
सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय में चयनित शिक्षक, फिर भी रिजल्ट 67 प्रतिशत
जिले की सुभाष उत्कृष्ट स्कूल का वार्षिक परीक्षा परिणाम महज 67.85 प्रतिशत रहा। जबकि यहां चयनित शिक्षक हैं। संस्था के नाम के आगे ही उत्कृष्ट लगा है, लेकिन इसका रिजल्ट इस बार उत्कृष्ट नहीं रहा। हालांकि यह परीक्षा परिणाम पिछले साल की तुलना में 2-3 फीसदी अधिक बताया जा रहा है।
प्राचार्य एस जाधव के अनुसार रिजल्ट कम आने का काम वह फेलीयर बच्चे हैं जिन्हें संस्था द्वारा फ्रेश बच्चों के साथ बैठाया गया था। प्राचार्य का कहना है कि संस्था के कुछ विद्यार्थी ऐसे भी हैं जिनका सेक्युरिटी और आईटी का रिजल्ट काफी बेहतर रहा। यहां अतिरिक्त गतिविधियां भी संचालित की जा रही है।
ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलों का रिजल्ट सुधरा
इस बार ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलों के विद्यार्थियों ने बेहतर परीक्षा परिणाम दिया है। सबसे टॉप पर बोदरली हाईस्कूल 95 प्रतिशत रही तो दूसरे नंबर पर निंबोला हाईस्कूल है। इसका परीक्षा परिणाम 93 प्रतिशत रहा है। जबकि सिरपुर हाईस्कूल की छात्रा जिले में दूसरे स्थान पर रही है।
और यहां…हरीरपुरा उर्दू स्कूल का परिणाम 28 प्रतिशत
शहरी क्षेत्र की हरीरपुरा उर्दू स्कूल का हाईस्कूल वार्षिक परीक्षा परिणाम महज 28 प्रतिशत रहा। यहां कक्षा 10वीं में 181 विद्यार्थी परीक्षा में बैठे थे। जिसमें से पास महज 51 ही हुए। एक साथ 90 बच्चों को गणित और अंग्रेजी में सप्लीमेंट्री मिली है। यहां शिक्षकों की संख्या भी पर्याप्त है इसके बावजूद परीक्षा परिणाम काफी खराब रहा।
शहर में यह स्थिति-
उत्कृष्ट विद्यालय- 67.85
कन्या उमावि-70
पुस्र्षार्थी स्कूल-64
शनवारा हाईस्कूल-12
हरीरपुरा उर्दू स्कूल-28
(शिक्षा विभाग के अनुसार)
यह बोले जिम्मेदार-
जहां कमियां रही उसे दूर करेंगे
इस बार गांव की स्कूलों का रिजल्ट अच्छा रहा। शहर में जो कमियां रही उसे समीक्षा कर दूर किया जाएगा। शहर में सारी सुविधाएं मिलने के बाद भी रिजल्ट नहीं देने वाले शिक्षकों पर सख्ती करेंगे। अगले साल हम और अच्छी स्थिति में रहेंगे।
-जीएल रघुवंशी, डीईओ बुरहानपुर
मैंने जनवरी में ही ज्वाइन किया
शनवारा हाईस्कूल में मैंने जनवरी 2016 में ही प्राचार्य का पद संभाला। इससे पहले बोदरली में थी तो 100 फीसदी रिजल्ट आया था। यहां बच्चों की संख्या भी महज 8 थी। अतिथि शिक्षक भी संकुल से भेजे गए थे। हम समीक्षा कर सुधार करेंगे।
-सीमा तंवर, प्राचार्य शनवारा हाईस्कूल
फेलियर बच्चों को बैठाने के कारण स्थिति बिगडी
शाला में फेलियर बच्चों को भी प्रवेश देकर उन्हें फ्रेश विद्यार्थियों के साथ बैठाना उचित नहीं रहा। हालांकि हमारा आईटी और सेक्युरिटी में रिजल्ट अच्छा रहा। जो कमियां है उसे दूर करेंगे।
एस जाधव, प्राचार्य सुभाष उत्कृष्ट स्कूल
विद्यार्थियों की मैथ्स और अंग्रेजी कमजोर
शाला की छात्राओं की मैथ्स और अंग्रेजी कमजोर है। इस कारण 90 छात्राओं को सप्लीमेंट्री मिली। स्टाफ तो पर्याप्त है। रिजल्ट सुधारने की दिशा में काम करेंगे।
सैयद मसूद अली, प्रभारी प्राचार्य हरीरपुरा उर्दू स्कूल