जम्मू। कश्मीर घाटी में आतंकी बुरहान की मौत के बाद भड़की हिंसा व बंद के दौरान 112 दिनों के दौरान अब तक 25 सरकारी व 2 गैर सरकारी स्कूलों को जलाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है।
अदालत ने सात नवंबर को इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और स्कूल शिक्षा निदेशक कश्मीर को खुद हाजिर रहने और इस मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी देने को भी कहा है।
राज्य उच्च न्यायालय में जस्टिस याकूब मीर और जस्टिस अली मोहम्मद मागरे की डीविजन बैंच ने सोमवार को इस मामले का स्वयं संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव बीआर शर्मा, पुलिस महानिदेशक के राजेंद्र और स्कूल शिक्षा निदेशक कश्मीर एजाज अहमद को निर्देश दिया कि वह सभी जिला उपायुक्तों, जिला पुलिस प्रमुखों और सभी संबधित मुख्य शिक्षाधिकारियों को शिक्षा के दुश्मनों से स्कूलों को बचाने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करने के लिए कहें।
कश्मीर घाटी में अलगाववादियों के बंद के दौरान साढ़े तीन महीनों से स्कूल-कालेज बंद पड़े हैं और आतंकी व अलगाववादी समर्थक नहीं चाहते कि कश्मीर घाटी के युवा व युवतियां पढ़ाई करें इसी उदेश्य से यह लोग कश्मीर घाटी में बंद पड़े स्कूलों को आए दिन आग के हवाले कर रहे हैं।
कश्मीर घाटी में जहां एक ओर शिक्षक संस्थान बिगड़े हालातों के चलते बंद पड़े हैं वहीं उन्हें अब एक और चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। जैसे-जैसे कश्मीर की जनता व विद्यार्थी अपनी पढ़ाई से चिंतित होकर अलगाववादियों के बंद का विरोध कर रहे हैं वैसै-वैसे स्कूलों को आग के हवाले किए जाने की ये घटनाएं भी बड़ रही हैं। जहां एक ओर शिक्षा विभाग के लिए यह चिंता का विषय है, वहीं पुलिस विभाग के लिए एक नई चुनौती है।
इस सबको लेकर कश्मीर जोन के स्कूली शिक्षा विभाग के निदेशक एजाज अहमद का कहना है कि पिछले तीन महीनों में कश्मीर के सभी दस जिलों में स्कूलों को जलाया व नुकसान पहुंचाया गया है।
इस दौरान आग से 10 स्कूल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैैं जबकि 15 स्कूलों को नुकसान पहुंचा है जिनमें दो निजी स्कूल भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा दक्षिणी कश्मीर में 12 स्कूल जलाए गए है जिनमें से कुलगाम जिले में 5, अनंतनाग में 3, शोपियां में 2, पुलवामा में 2 स्कूल शामिल हैं।
निदेशक के अनुसार इन सब घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी जिलों के सीईओ को सख्ती से नजर रखने के निर्देश दिए हैं। जिन स्कूलों में नाइट वॉचमैन नहीं हैं, उनमें नई नियुक्ति करने को कहा गया। उन्होंने कहा स्कूल समाज की संपत्ति है जिनका मंदिर और मस्जिद की तरह सम्मान किया जाना चाहिए।
पुलिस के अनुसार उन सभी शरारती तत्वों को पहचानने और पकड़ने की कोशिश जारी है, जिन्होंने ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया है। सभी संबंधित एसएचओ को निर्देश दिए हैं कि वह ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
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