नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के चार महीने बाद ही नौ राज्यों में हुए उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी को गंभीर झटका लगा, जब उत्तर प्रदेश में उसे समाजवादी पार्टी ने पटखनी दे दी और राजस्थान तथा गुजरात में कांग्रेस उसके किले में सेंध लगाने में सफल रही। नौ राज्यों की 32 विधानसभा सीटों तथा तीन लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में हालांकि भाजपा 12 विधानसभा सीटें जीतकर सबसे आगे रही लेकिन विपक्षी दलों ने 14 सीटें उससे तथा उसके सहयोगी दलों से छीनकर उसे करारा नुकसान पहुंचाया है।…
उपचुनाव में मिली शानदार सफलता से उत्साहित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अच्छे दिन आएंगे के नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा अच्छे दिन, अच्छी बात, अच्छे परिणाम आ गए…। इन उपचुनावों समाजवादी पार्टी को आठ, कांग्रेस को सात तथा अन्य दलों को पांच सीटें मिली। भाजपा के लिए एक अच्छी बात यह रही कि वह एक लम्बे अर्से के बाद पश्चिम बंगाल में अपना खाता खोलने में सफल रही।
लोकसभा चुनावों में विपक्ष का सूपड़ा साफ करने वाली भाजपा लगातार तीसरे उप चुनावों में कोई खास प्रदर्शन नहीं कर सकी। आम चुनाव के तुरंत बाद उत्तराखंड में हुए उपचुनावों में उसे तीनों सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था। पिछले माह चार राज्यों की 18 सीटों पर हुए उपचुनाव में वह और उसके सहयोगी दल आठ सीटें ही जीत सके।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने ग्यारह में से आठ सीटें जीतकर अपनी साख को एक बार फिर कायम करने की शुरूआत की। राजस्थान में पिछले विधानसभा चुनाव में बुरी तरह पराजित हुई कांग्रेस ने चार में से तीन सीटें भाजपा से छीन कर जबरदस्त वापसी की।
गुजरात से नरेंद्र मोदी के हटने का लाभ उठाते हुए कांग्रेस ने भाजपा की तीन सीटों पर कब्जा जमाया। ये सभी सीटें उसने भाजपा से हथियाई हैं। भाजपा केवल तीन सीट ही बचाने में सफल रही।