नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) से जुड़े चार विधेयकों को मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केन्द्रीय सामान और सेवा कर विधेयक 2017 (सीजीएसटी बिल), एकीकृत माल और सेवा कर विधेयक 2017 (आईजीएसटी विधेयक), संघ राज्य माल और सेवा कर विधेयक 2017 (यूटीजीएसटी विधेयक), माल और सेवा कर (राज्यों के लिए मुआवजा) विधेयक 2017 (मुआवजा बिल) को को अपनी मंजूरी दी।
मंत्रिमंडल की मंजूरी देने के बाद इन विधेयकों को संसद में पेश किया जाएगा। पिछले छह महीनों में आयोजित परिषद की 12 बैठकों पर चर्चा में उपरोक्त चार विधेयकों को पहले जीएसटी परिषद द्वारा खंड द्वारा खंड पूर्ण रूप से अनुमोदित किया गया है।
सी-जीएसटी विधेयक में केंद्र सरकार द्वारा राज्य वस्तु अथवा सेवाओं पर अधिभार एवं कर के संग्रहण के प्रावधान किए गए हैं। आईजीएसटी विधेयक में केंद्र सरकार द्वारा वस्तु और सेवाओं पर अधिभार एवं कर के संग्रहण के प्रावधान हैं।
एस-जीएसटी को जहां हर राज्य के विधानसभा से पारित किया जाएगा, वहीं अन्य चार विधेयकों को संसद में पारित कराना होगा। सरकार को उम्मीद है कि संसद के चालू सत्र में ही चारों विधेयक पारित हो जाएंगे व राज्य भी जल्द ही एस-जीएसटी पारित कर देंगे और जीएसटी एक जुलाई से लागू हो जाएगा।
संविधान (एक सौ एकवें संशोधन) अधिनियम, 2016 के धारा 18 के अनुसार पांच साल की अवधि के लिए माल और सेवा कर के कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न होने वाले राजस्व के नुकसान के लिए राज्यों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा। सरकार जितनी जल्दी संभव हो देश में सबसे बड़े सुधारों में से एक जीएसटी लाना चाहती है।
जीएसटी परिषद ने 1 जुलाई से जीएसटी लाने की बात कही थी। वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में उल्लेख किया है कि व्यापार और उद्योग के लिए जीएसटी के प्रावधानों को समझाने के लिए देशव्यापी आउटरीच प्रयास किए जाएंगे।