नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले के बाद पैदा हुए हालात पर चर्चा के लिए कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी (सीसीएस) की अहम बैठक बुधवार को हुई जिसमें पाकिस्तान को तीन तरफ से घेरने की रणनीति बना ली गई है।
उच्चस्थ सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार कूटनीतिक, राजनीतिक और सैन्य, तीनों ही मोर्चों पर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
कूटनीतिक स्तर पर पाक को घेरने की रणनीति को अमली जामा पहनाने की प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में कश्मीर का विषय उठाने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को उन्हीं के भाषा में जवाब दिया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में हुईं इस बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल आदि शामिल हुए।
सूत्रों के अनुसार इंटेलिजेंस ब्यूरो और सेना के अफसरों ने प्रधानमंत्री मोदी को घाटी के ताजा हालात की जानकारी दी। उरी हमले के बाद सेना ने आतंकियों से निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठाए, यह भी बताया गया। नियंत्रण रेखा (एलओसी) और आसपास के इलाकों में सेना के मूवमेंट और कार्रवाई से जुड़े विस्तृत आंकड़े भी पेश किए गए।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ने सुरक्षा अधिकारियों से कहा कि आतंकियों से निपटने में जरा सी भी कोताही न बरती जाए और उन्हें इसके लिए पूरी छूट है।
उरी हमले के बाद वायुसेना ने तेजपुर में तेज किया युद्धाभ्यास
रक्षा मंत्री पर्रिकर ने स्वीकारा कि उरी मामले में चूक हुईं
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