जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में निजी विद्यालयों की फीस नि र्धारण समेत, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अधिकारियों के पदों के सृजन, 21 जनवरी से प्रस्तावित मुख्यमंत्री शहरी जनकल्याण योजना शिविरों को स्थगित करने समेत कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने मंत्रिमण्डल की बैठक के बाद बताया कि राज्य सरकार ने निजी विद्यालयों की मनमानी फीस पर अंकुश लगाने के लिए राजस्थान विद्यालय (फीस का विनियमन) नियम, 2016 के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया है।
नियमों के तहत विद्यालय स्तर पर अभिभावक-अध्यापक परिषद (पेरेन्ट-टीचर एसोसिएशन) का गठन किया जाएगा। अभिभावक-अध्यापक परिषद की बैठक में अभिभावकों की ओर से आए आवेदनों के आधार पर लॉटरी के माध्यम से 5 अभिभावकों का चयन विद्यालय स्तरीय फीस समिति के लिए किया जाएगा।
परिषद में स्कूल प्रबंधन एवं शिक्षकों के प्रतिनिधि भी होंगे। प्रबंधन द्वारा फीस के सम्बन्ध में प्राप्त प्रस्तावों पर विद्यालय स्तरीय समिति विचार कर उचित फीस का निर्धारण करेगी। समिति की बैठक में कम से कम चार सदस्यों की उपस्थिति जरूरी होगी। इनमें से कम से कम दो सदस्य अभिभावकों की ओर से होना आवश्यक होगा।
विद्यालय स्तरीय समिति द्वारा किए गए फीस निर्धारण के निर्णय के विरुद्ध अपील खण्डीय फीस विनियामक समिति के समक्ष की जा सकेगी। इससे आगे भी सम्भागीय एवं राज्य स्तर पर अपील का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने राजस्थान आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी एवं प्राकृतिक चिकित्सा सेवा नियम-1973 में संशोधन को मंजूरी दी गई। इसके तहत प्रदेश में 33 जिला मुख्यालयों पर योग एवं प्राकृतिक चिकित्सालय खोलने की बजट घोषणा के अनुरूप 33 योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अधिकारियों के पद सृजित कर सीधी भर्ती की जा सकेगी।
मंत्रिमण्डल ने राजस्थान सेवा नियम-1951 के नियम 112 में संशोधन करते हुए आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों को भी एलोपैथी चिकित्सकों की तरह आयुर्वेदिक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में अध्ययन के लिए तीन वर्ष का अध्ययन अवकाश दिए जाने के प्रावधान को मंजूरी दी।
संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि राज्य मंत्रिमण्डल ने 21 जनवरी से प्रस्तावित मुख्यमंत्री शहरी जनकल्याण योजना शिविरों को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय किया है।
उन्होंने बताया कि बैठक में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जालौर का नामकरण वीर वीरमदेव राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जालौर करने का अनुमोदन किया गया।