नई दिल्ली। ब्रिटेन स्थित वेदांता समूह की कंपनी केयर्न इंडिया लिमिटेड ने राजस्थान स्थित अपने तेल क्षेत्र से अतिरिक्त कच्चे तेल को निर्यात करने की अनुमति की मांग संबंधी याचिका दायर की थी जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
न्यायमूर्ति मनमोहन ने फैसले में कहा कि कच्चे तेल का उत्पादन साझेदारी अनुबंध (पीएससी) केयर्न और केंद्र सरकार के बीच है। कंपनी अपने हिस्से का तेल तभी निर्यात कर सकती है, जब तेल के मामले में भारत आत्मनिर्भरता प्राप्त कर लेगा।
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इससे पूर्व सुनवाई के दौरान पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि कच्चे तेल का निर्यात करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। ऐसे में केयर्न इंडिया की याचिका खारिज की जाए। वहीं, याची के अधिवक्ता ने कहा था कि मंत्रालय ने ऐसी कोई नीति पेश नहीं की है, जिसमें कच्चे तेल का निर्यात नहीं किया जा सकता।
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उधर, केंद्र सरकार ने कहा था कि देश के घरेलू कच्चे तेल के निर्यात की इजाजत नहीं दी जा सकती। यह राष्ट्रीय हित के लिए हानिकारक होगा। आवश्यक कच्चे तेल का लगभग 85 प्रतिशत आयात किया जाता है।