कोलकाता। मदन मित्र अपने घर लौंटे लेकिन उन पर और नकेल कसी जाए। जरूरत पड़ने पर उनके घर में ही नजरबंद रखा जाए जहां सीबाआई और पुलिस उन पर कड़ी निगरानी रखे।
ऐसी ही एक याचिका सीबीआई के वकील राघव चारुलूर ने हाईकोर्ट में दायर की थी लेकिन हाईकोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया जिससे मदन भवानीपुर इलाके में दुर्गापूजा का मजा बिना किसी बाधा ले सकते हैं।
गौरतलब है कि अलीपुर जिला व सत्र अदालत ने मदन मित्र को सशर्त जमानत दी थी। शर्त के अनुसार, वे भवानीपुर इलाके से बाहर नहीं जा सकते हैं। इसके अलावा और भी कई शर्ते हैं।
इसके पहले सीबीआई ने मदन की जमानत को खारिज करने से लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सीबीआई के वकील राघव चारुल ने बताया कि मदन मित्र आम आदमी नहीं हैं।
मंत्रीपद जाने के बाद भी वे काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं। प्रभावशाली होने के कारण ही उन्हें जमानत मिली है। मित्र की जमानत के बाद ही राज्य सरकार के एक शीर्ष मंत्री ने कहा थी कि राज्य सरकार मदन के साथ है।
सीबीआई के वकील ने दलील दी है कि अभी मदन मित्रा चाय की दुकान में जाते है, सब्जी बाजार में जाते हैं। इसके बाद सामने दुर्गापूजा है औ़र पूजा में लोगों की काफी भीड़ उमड़ती है। इस भीड़ में सारदा मामले के कई गवाह भी हो सकते हैं।
मदन मित्र उन्हें प्रभावित कर सकते हैं जिससे सारदा मामले की जांच भी प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट उन्हें अपने घर लौटने की अनुमति दे इससे उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उनके घर में ही उन्हें नजरबंद रखा जाए।
पुलिस और सीबीआई उन पर नजर रखे, लेकिन न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे की डिविजन बेंच ने सीबीआई की इस अर्जी को खारिज कर दिया साथ ही कोई अन्य शर्त भी मदन मित्र पर नहीं डाली गई।
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