कोलकाता। सुप्रीमकोर्ट के खिलाफ मोर्चा खोले बैठे कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायाधीश सीएस कर्णन ने गुरुवार को प्रधान न्यायाधीश जेएस केहर सहित सुप्रीमकोर्ट के सात न्यायाधीशों के खिलाफ समन जारी कर उन्हें अपनी अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।
न्यायाधीश कर्णन ने अनुसूचित जाति/जनजाति (प्रताड़ना से संरक्षण) अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ यह आदेश जारी किया है और उन्हें 28 अप्रेल को अपनी अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है।
हालांकि अभी न्यायाधीश कर्णन द्वारा जारी किए गए आदेश की वैधानिकता स्पष्ट नहीं है, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायाधीश कर्णन से उनकी प्रशासनिक एवं न्यायिक शक्तियां छीन ली हैं।
इन सातों न्यायाधीशों ने स्व-संज्ञान से फरवरी में न्यायाधीश कर्णन के खिलाफ अदालत की अवमानना का आदेश जारी किया था। न्यायाधीश कर्णन के खिलाफ अवमानना का यह आदेश जनवरी में 20 न्यायाधीशों को भ्रष्ट बताते हुए उनके खिलाफ जांच की मांग करने के बाद जारी किया गया था।
शीर्ष अदालत ने न्यायाधीश कर्णन के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था, जिसके बाद न्यायाधीश कर्णन 31 मार्च को शीर्ष अदालत के सामने पेश भी हुए थे।
शीर्ष अदालत की सात न्यायाधीशों की पीठ ने न्यायाधीश कर्णन से उनके खिलाफ जारी अवमानना के आदेश पर चार सप्ताह के अंदर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए कहा था। न्यायाधीश कर्णन ने हालांकि शीर्ष अदालत की इस नोटिस का जवाब देने से इनकार कर दिया था।
गुरुवार को शीर्ष अदालत के सात न्यायाधीशों के खिलाफ समन जारी करते हुए न्यायाधीश कर्णन ने कहा कि मैं सातों माननीय न्यायाधीशों को व्यक्तिगत रूप से या अपने वकीलों के माध्यम से दोषी पाए जाने और सुनाई गई सजा के संबंध में 28 अप्रेल को सुबह 11.30 बजे तक मेरे कोलकाता के न्यू टाउन में रोजडेल स्थित आवास पर अपना जवाब दें, क्योंकि मेरा आवास ही अब मेरी अस्थायी अदालत है।