लखनऊ। सपा मुखिया मुलायम सिंह ने बुधवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को तगड़ा झटका देते हुए उनके कई करीबी मंत्रियों व विधायकों के टिकट काट दिए। उनके चहेते मंत्री राम गोविंद चौधरी, अरविंद सिंह गोप और पवन पांडेय की सीटें भी छिन गई हैं।
अखिलेश यादव ने पार्टी प्रत्याशियों की सूची पर एतराज जताया है। जिस समय राजधानी लखनऊ में मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव प्रत्याशियों की सूची जारी कर रहे थे, मुख्यमंत्री झांसी में एक शिलान्यास कार्यक्रम में थे।
उन्होंने वहीं से सूची पर अपनी असहमति जताते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर पार्टी मुखिया से बात करेंगे। राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि मुलायम ने प्रत्याशियों की जो सूची जारी की है, उसमें प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल को ज्यादा तरजीह दी गई और अखिलेश के लोगों को किनारे किया गया।
अखिलेश ने जिन लोगों को अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया था पार्टी ने उन सभी को टिकट दे दिया है। अखिलेश ने रविवार को प्रदेश की सभी 403 सीटों के लिए प्रत्याशियों की सूची मुलायम को सौंपी थी, लेकिन लोगों का कहना है कि उनकी सूची को सपा मुखिया ने ज्यादा महत्व नहीं दिया।
अखिलेश अतीक अहमद और अंसारी बंधुओं जैसे दागी लोगों का लगातार विरोध कर रहे थे, लेकिन अतीक अहमद को कानपुर कैंट से और मुख्तार अंसारी के भाई सिग्बतुल्लाह अंसारी को मोहम्मदाबाद से टिकट दे दिया गया है।
इसके अलावा अखिलेश द्वारा पार्टी से छह साल के लिए हटाए गए विधायक रामपाल यादव की दो दिन पहले सपा में वापसी हो गई और आज उन्हें अपनी पुरानी बिसवां सीट से ही प्रत्याशी घोषित कर दिया गया।
वहीं अयोध्या के विधायक और सरकार में मंत्री पवन पाण्डेय जिनको शिवपाल ने पार्टी से निकाल दिया था उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। दरअसल पार्टी से बर्खास्त करने के बाद शिवपाल ने अखिलेश से पवन पाण्डेय को मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त करने को लिखा था लेकिन अखिलेश ने उनकी बात को तवज्जो नहीं दी थी।
मुलायम ने आज पवन पाण्डेय का टिकट काट उनकी जगह आशीष पाण्डेय को अयोध्या से पार्टी का प्रत्याशी बनाया है। इसी तरह कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप का टिकट काट कर बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को बाराबंकी की रामनगर सीट से प्रत्याशी बनाया गया है।
कैबिनेट मंत्री राम गोविंद चौधरी बलिया के बांसडीह से लगातार कई बार से विधायक हैं। आज की सूची में उनका भी नाम गायब है। मुलायम ने पार्टी के 53 वर्तमान विधायकों का टिकट काटा है। इनमें में अधिकतर अखिलेश के करीबी बताए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि मुलायम ने आज पार्टी के 325 प्रत्याशियों की सूची जारी की। उन्होंने बाकी 78 उम्मीदवारों के नाम बाद में घोषित किये जाने की बात की। हालांकि मुलायम ने आज फिर कांग्रेस के साथ किसी चुनावी गठबंधन को नकारा है लेकिन सियासी पंडितों का कहना है कि ये सीटें गठबंधन के मद्देनजर ही छोड़ी गयी हैं।
जिताऊ प्रत्याशियों को टिकट दिलाने का सिफारिश करूंगा : अखिलेश
झांसी। जिन लोगों ने अपने क्षेत्र में काम किया है, ऐसे जिताऊ प्रत्याशियों के लिए मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष से सिफारिश करुंगा। पूर्व में भी मैं उनके संज्ञान में यह बात डाल चुका था। उम्मीदवारों की सूची जारी हो चुकी है। कुछ लोगों के नाम भी काटे गए हैं। उनमें से काम करने वालों की मैं फिर से सिफारिश करुंगा।
रही बात चुनाव लड़ने की तो वह पार्टी के वरिष्ठ नेता तय करेंगे कि किसे कहां से लड़ना है। उक्त बात प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को आयोजित योजनाओं का लाभ देने के बाद पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कही।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक सवाल के जबाब में बताया कि पार्टी के जनाधार को देखते हुए टिकट केवल उन्हीं लोगों को दिया जाएगा, जिन्होंने अपने क्षेत्र में जनता के बीच काम किया है। और वे अपने क्षेत्र में जनता के बीच पैठ रखते हैं। ताकि समाजवादी पार्टी को विजय का परचम फहराने में कोई परेशानी न हो।
स्वयं के बुन्देलखण्ड से चुनाव लड़े जाने की बात पर उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड के हमारे साथी हमें चुनाव लड़ाने को तैयार हैं। उन्होंने हमें जिताने का भी आश्वासन दे दिया है। लेकिन उन्हें कहां से लड़ना है यह पार्टी के जिम्मेदार नेता ही तय करेंगे।
केवल उनके फैसले से पार्टी नहीं चलती। साथ ही वह 2018 तक एमएलसी है। लेकिन इसके बाद भी यदि जरुरी हुआ तो फिर उस पर विचार करेंगे। उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी गई है।
इसके पूर्व उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह से केवल जिताऊ प्रत्याशियों को मैदान में उतारने की बात रखी थी। अभी कुछ लोगों के नाम कटे हैं। उन पर भी वह चर्चा करेंगे। जिन्होंने 2011 में पार्टी के लिए आन्दोलन किए हैं। उनका भी ख्याल रखा जाएगा।
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