चेन्नई। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के तमिलनाडु स्थित आवासों पर छापेमारी की। यह छापेमारी विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा आईएनएक्स मीडिया (अब 9एक्स मीडिया) को दी गई मंजूरी के मामले में की गई।
एफआईपीबी द्वारा यह मंजूरी उस समय दी गई थी जब चिदंबरम वित्त मंत्री थे और पीटर व इंद्राणी मुखर्जी आईएनएक्स मीडिया का संचालन करते थे। फिलहाल, इंद्राणी मुखर्जी अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में अपने पति पीटर के साथ कानून के शिकंजे में हैं।
चिदंबरम ने इस कार्रवाई को बदले की भावना से प्रेरित राजनीति बताया है और कहा है कि छापेमारी के डर से वह सरकार की आलोचना करना नहीं छोड़ेंगे।
सीबीआई के 11 अधिकारियों की टीम मंगलवार सुबह यहां हड्डोज रोड स्थित चिदंबरम के घर पर पहुंची और तलाशी शुरू की।
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई अफसरों ने मंगलवार सुबह चेन्नई, कराइकुड़ी, दिल्ली और नोएडा के 17 स्थानों पर तलाशी की। मुंबई और गुरुग्राम में भी छापे मारे गए।
सीबीआई के मुताबिक, कार्ति का नाम एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंपनी से जुड़ा है जिसका नाम कई मामलों में सामने आया है। चिदंबरम ने कहा कि उनके और उनके बेटे पर कोई आरोप नहीं हैं।
चिदंबरम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार मेरे बेटे और उसके दोस्तों को निशाना बनाने के लिए सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।
चिदंबरम ने कहा कि सरकार का उद्देश्य मेरी आवाज को दबाना और मुझे लिखने से रोकना है, जैसा कि उसने विपक्षी पार्टियों के नेताओं, पत्रकारों, स्तंभकारों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और सामाजिक संगठनों को चुप कराने की कोशिश की है। मैं सिर्फ यही कहूंगा कि मैं बोलता और लिखता रहूंगा।
मंगलवार को छापे पड़ने के कुछ देर बाद चिदंबरम ने बयान जारी कर कहा कि एफआईपीबी की मंजूरी सैकड़ों मामलों में दी गई। एफआईपीबी में शामिल पांच सचिव, एफआईपीबी सचिवालय के अधिकारी और हर एक मामले में सक्षम प्राधिकारी सरकारी अधिकारी हैं। उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है। मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं है।
छापेमारी को बदले की भावना से की गई राजनीतिक कार्रवाई करार देते हुए उन्होंने कहा कि जब वह वित्त मंत्री थे तो हर मामले में नियमों के तहत कार्रवाई की गई और एफआईपीबी की अनुशंसा पर ही मंजूरी अथवा नामंजूरी दी गई।
कार्ति चिदंबरम ने कहा कि वह इस मामले में पाक साफ साबित होंगे क्योंकि छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने जांच एजेंसियों के साथ सहयोग किया है और अपने सभी करों का भुगतान किया है।
कार्ति ने कहा कि मेरे खिलाफ यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। मेरे खिलाफ कुछ भी साबित नहीं होगा क्योंकि मैंने कोई अपराध नहीं किया है। सरकार के खिलाफ मेरे पिता की आवाज को दबाने के लिए यह किया गया है।
तमिलनाडु विधानसभा में कांग्रेस के नेता कराइकुड़ी रामास्वामी, चिदंबरम के घर पहुंचे और बाद में संवाददाताओं से कहा कि इस मामले में कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश है।
इस मामले में कार्ति चिदंबरम और इंद्राणी मुखर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के एक दिन बाद सीबीआई ने छापेमारी की है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत मामला दर्ज कर कार्ति चिदंबरम की कंपनी की भूमिका की जांच कर रहा है।
यह मामला 2010 में फेमा के तहत दर्ज है। इसके मुताबिक मॉरीशस की तीन कंपनियों ने आईएनएक्स मीडिया में निवेश किया है।
ईडी ने 40 करोड़ रुपए से अधिक के फेमा उल्लंघन मामले में कार्ति चिदंबरम और आईएनएक्स मीडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।