![नए साल का जश्न मनाना कश्मीरी संस्कृति के खिलाफ : गिलानी नए साल का जश्न मनाना कश्मीरी संस्कृति के खिलाफ : गिलानी](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2015/12/gilani.jpg)
![Celebrating new years party against the rich culture of kashmir says gilani](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2015/12/gilani.jpg)
जम्मू। हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सेयद अली शाह गिलानी ने कहा कि लोगों को नए साल के जश्न में हिस्सा नहीं लेना चाहिए कयोंकि यह कश्मीर की समृद्ध संस्कृति के खिलाफ है। गिलानी ने कहा कि नए साल के जश्न के नाम पर हम पर जो थोपा जा रहा है उसका हमारे समृद्ध साजिक मूल्यों एवं परंपराओं से कोई लेना देना नहीं है।
नए साल की पूर्व संध्या के प्रस्तावित कार्यक्रमों को लेकर गुलमर्ग और कश्मीर के अन्य क्षेत्रों में चल रही गतिविधियों का उल्लेख करते हुए गिलानी ने कहा कि लोगों खासकर युवाओं को अपने धार्मिक एवं नैतिक मूल्यों का पालन करना चाहिए।
![Celebrating new years party against the rich culture of kashmir](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2015/12/asia.jpg)
मालूम हो कि जम्मू कश्मीर में इस बार नए साल के जश्न का खासा विरोध देखने में आ रहा है। गिरानी से पहले सोमवार को दुतरन ए मिल्लत की फाउंडर असिया अंद्राबी ने गुलमर्ग में होने वाले नए साल के प्रस्तावित कार्यक्रम का विरोध किया था। अंद्राबी ने नए साल के जश्न को संघ का कार्यक्रम बताते हुए लोगों को इसमें शामिल न होने के लिए धमकाया था। अंद्राबी ने कहा कि नए साल का जश्न मनाया जाना कश्मीर की इस्लामिक विचारधारा को काउंटर करने की कोशिश है।
गिलानी ने नए साल के जश्न का विरोध करते हुए कहा है कि मेरी युवाओं से अपील है कि उन्हें अपनी धार्मिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देना चाहिए तथा नए साल का जश्न मनाकर गुलामी वाली मानसिकता का परिचय नहीं देना चाहिए। नए साल का जश्न मनाया जाना एक सांस्कृतिक आक्रमकता है जिसका एक मात्र उद्देश्य हमें अपने धर्म, समाज और सुनहरे अतीत से अलग कर देना है।