बिहारशरीफ (नालंदा)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्जिकल स्ट्राइक पर चल रही राजनीतिक उठा-पटक के बीच इस मुद्दे पर खुलकर केन्द्र का साथ दिया।
पार्टी की राष्ट्रीय परिषद में उरी में हुए आतंकवादी हमले में शहीद सेना के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बगैर कहा कि आतंकवाद पर केन्द्र जो भी कार्रवाई करेगी, वह उसका समर्थन करेंगे। इस मुद्दे पर कड़ा रूख व्यक्त करते हुए कुमार ने कहा कि आतंकवाद के मामले में वे केन्द्र के साथ हैं।
मुख्यमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि उनकी पार्टी केन्द्र की विदेश नीति पर उसके साथ है और आतंकवाद को पोषित कर रहे पाकिस्तान के खिलाफ जो भी कार्रवाई की जाएगी, उसका वे समर्थन करेंगे।
सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मुद्दे पर राजनीतिक लाभ लेने से परहेज करने की सलाह देते हुए कुमार ने कहा कि सुरक्षा से जुड़े ऐसे संवदेनशील मद्दों पर किसी भी दल को राजनीतिक रोटियां नहीं सेकनी चाहिए।
इस बीच जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि यह समय सर्जिकल स्ट्राइक पर विवाद का नहीं है और राष्ट्रहित के मुद्दों पर राजनीति देश हित में उचित भी नहीं है।
जिसके कार्यकाल में ऐसी कार्रवाई होती है, उसका श्रेय सत्ताधारी दल द्वारा लेना स्वाभाविक है, परन्तु नेताओं को सर्जिकल हमले जैसे मामलों में संयम बरतना चाहिए। सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय भावना का सम्मान करती है और राष्ट्रीयता के साथ पूरी तरह से खड़ी है।
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हालांकि बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में सर्जिकल स्ट्राइक जैसे संवेदनशील मुद्दों पर परस्पर वोरोधाभासी बयानों और घटक दलों के अलग-अलग रुख के कारण विरोध दिखा। जदयू जहां इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दिखा वहीं राजद और कांग्रेस के लोग इसका विरोध करते नजर आए।
राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने एक ट्वीट के माध्यम से कहा कि सत्ता हो या विपक्ष, सेना के नाम पर किसी को भी राजनीति नहीं करनी चाहिए। अपने ट्वीट में भारतीय सेना को सैल्यूट करते हुए उन्होंने पाकिस्तान को कड़े इंजेक्शन लगाने की आवश्यकता बताई।
महागठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने सर्जिकल हमले पर जदयू के रुख पर आपत्ति प्रकट करते हुए कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है जबकि जदयू एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में अपनी प्रतिक्रिया दे रही है जिसका राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्व नहीं है।
भाजपा के ‘राम’ से एतराज नहीं, पर देश हित का मुद्दा महत्वपूर्ण
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा के राम बोलने से उन्हें कोई एतराज नहीं है, पर राष्ट्रहित के मुद्दों को दरकिनार किए जाने को वो बर्दाश्त नहीं करेंगे।
जदयू के राष्ट्रीय अधिवेशन में बोलते हुए कुमार ने कहा कि ‘राम’ और देश के ज्वलंत मुद्दे अलग -अगल चीजें हैं। भाजपा का नाम लिए बिना कुमार ने कहा कि आप लखनऊ में जय श्री राम बोलिए सब बोलते हैं। आप भी बोलिए हमें कोई एतराज नहीं है।
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कुमार ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया का भाजपा पर राम मंदिर बनवाने का दबाव है। जदयू नेता ने कहा कि ‘राम’ के आगे भाजपा देश हित के मुद्दों को भूल जाती है।
विभिन्न ज्वलंत मुद्दों की चर्चा करते हुए कुमार ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के लिए अन्य उपजाने वाला किसान आज भी आत्महत्या कर रहा है और सरकार उनकी समस्याओं को अनदेखी कर रही है।
उन्होंने कहा कि देश आज जाट, मराठा, पाटीदार के आरक्षण आंदोलन में जल रहा है और सरकार के पास इस समस्या को सुलझाने की फुर्सत नहीं है। आरक्षण का मामला और किसानों की समस्या ‘राम’ से ज्यादा महत्वपूर्ण है, किंतु चुनाव के आते ही भाजपा का ध्यान मुद्दों से हटकर ‘राम’ पर चला जाता है।
भाजपा के सहयोग से ही केन्द्र और राज्य में लंबे समय तक सत्ता में बने रहने वाले कुमार ने कहा कि भाजपा के ‘राम’ का नाम लेने से उन्हें कोई एतराज नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा खुलकर ‘राम’ का नाम ले परन्तु देश हित के मुद्दों को भी सुलझाने की तत्परता दिखाए।