नई दिल्ली। स्वच्छ भारत अभियान के बाद केन्द्र सरकार अब कभी भी स्वच्छ नौकरशाही अभियान भी शुरू कर सकती है। भ्रष्टाचार करके भी लम्बे अर्से तक लाभ के पदों पर काबिज रहने वाले नौकरशाहों पर भी अब गाज गिरने वाली है।
नौकरशाही में भ्रष्टाचार को खत्म करने की मुहिम के तहत केंद्र सरकार उन सभी प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कडी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है, जो सालों से अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और अपनी जिम्मेदारियों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं, फिलहाल सरकार की निगाह अभी लगभग 125 अधिकारियों पर टिक चुकी है और इनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
विश्वस्त सूत्रो के अनुसार नौकरशाही को साफ-सुथरा बनाने के लिए केंद्र सरकार गंभीरता के साथ काम करना शुरू कर दिया है। भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय ने विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत 125 ऐसे अधिकारियों को चिन्हित किया है, जिन पर भ्रष्टाचार के कई संगीन आरोप लगे हुए हैं। इनमें भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस), भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी शामिल हैं। सबसे बडी संख्या भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों की है, चिन्हित अधिकारियों के नामों की एक सूची राज्य सरकारों के साथ भी साझा की गयी है।
सूत्रों के अनुसार भ्रष्टाचार में लिप्त इन अधिकारियों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी। भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के साथ ही उन्हें स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति लेने के निर्देश दिए जा सकते हैं। यह भी माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय जल्द ही इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को कार्रवाई करने का आदेश दे सकती है।