नई दिल्ली। दिल्ली आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा विधायकों की सैलरी डबल करने के बाद अब केंद्र सरकार सांसदों के वेतन और भत्तों को दोगुना करने की तैयारी में है। इस संबंध में एक प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के पास भेजा गया है। यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो सांसदों को हर महीने 2 लाख 80 हजार रुपए सैलेरी मिलने लगेगी।
वित्त मंत्रालय को भेजे गए प्रस्ताव में सांसदों को मिलने वाले वेतन को 50,000 से बढ़ाकर 1 लाख और निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 45 हजार रुपए से बढ़ाकर 90,000 करने की सिफारिश भी शामिल है। सांसदों की मूल पेंशन 20,000 से बढ़ाकर 35,000 करने को कहा गया है। पांच साल से ज्यादा समय तक सांसद रहने वाले सांसदों को पेंशन के तौर पर और अधिक वेतन देने की बात भी कही गई है।
वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव को पास कर देता है तो संसद में सांसदों के वेतन, भत्ते और पेंशन के संशोधित विधेयक को पास किया जाएगा। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव को पास कर सकता है। इससे पहले वित्त मंत्री ने पिछले बजट में लोकसभा सांसदों की यात्रा के लिए 295.25 करोड़ और राज्यसभा सांसदों के लिए 121.96 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी।
मंत्रालय सयुंक्त समिति की उन सिफारिशों पर सहमत है जिनमें सांसदों के कार लोन और फर्नीचर भत्ते को बढ़ाने की बात कही गई है। समिति ने सुझाव दिया है कि सांसदों को दिए जाने वाले 4 लाख के कार लोन को बढ़ाया जाना चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक यह बढ़ाया जा सकता है लेकिन 5 साल बाद यह उन्हीं से वसूला जाएगा। हालांकि सरकार समिति की कई सिफारिशों पर सहमत नहीं है। सूत्रों के मुताबिक सरकार सांसदों की सैलरी को नाक का सवाल नहीं बनने देना चाहती लेकिन सांसदों को सम्मानजनक सैलरी मिले इस पर वह विचार कर सकती है।
मंत्रालय बीजेपी के सांसद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली संयुक्त समिति के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर चुका है जिसमें सांसदों के लिए आवास ऋण, सभी निर्वाचन क्षेत्रों में विशेष अतिथि गृह और हाउसिंग सोसायटी में छूट जैसे प्रस्ताव शामिल थे।
मालूम हो कि दिल्ली की आम आदमी की सरकार ने विधानसभा में विधायकों के वेतनवृद्धि का विधेयक पास कर दिया है। बिल पास होते ही विधायकों की सैलरी में 400 फीसदी का इजाफा हो गया। बीजेपी के विरोध और फिर सदन के वाकआउट के बीच सभी भत्ता आदि को मिलकार अब दिल्ली के विधायकों को हर महीने 2,35,000 रुपए मिलेंगे।