गुवाहाटी। असम की सत्ता का 15 वर्षों तक सुख भोगने वाले पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई इन दिनों अपनी सुरक्षा में तैनात एनएसजी को हटाए जाने को लेकर बेहद दुखी नजर आ रहे हैं। मीडिया को देखते ही उनका दर्द छलक पड़ता है।
गुरुवार को भी उन्होंने अपने दर्द को फिर से एक बार बयां किया। तरुण गोगोई ने असम विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे कामकाजी दिन सदन के बाहर मीडिया के साथ बातचीत करते हुए एनएसजी सुरक्षा को हटाए जाने को लेकर सवाल खड़ा किया।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मेरी एनएसजी सुरक्षा को हटाने के बाद भारी दबाव में थी। अंत में केंद्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत की एनएसजी सुरक्षा को भी वापस ले लिया। तरुण गोगोई ने सवाल किया कि काफी लंबे समय से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को भी एनएसजी की सुरक्षा लगातार दी जा रही है।
ऐसे में अगर मेरी (तरुण गोगोई) और महंत की एनएसजी की सुरक्षा को हटाया गया है तो मुलायम सिंह यादव की क्यों नहीं हटाई गई। ज्ञात हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री गोगोई और महंत की एनएसजी सुरक्षा को वापस ले लिया है। इसके बदले उन्हें सीआरपीएफ की सुरक्षा प्रदान की गई है।
साथ ही कहा गया है कि अगर इन्हें कहीं बाहर जाना होगा तो उन्हें एनएसजी की सुरक्षा प्रदान की जाएगी। एनएसजी की सुरक्षा को हटाए जाने के बाद से ही तरुण गोगोई लगातार केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा रहे हैं।
इतना ही नहीं उन्होंने इसको लेकर राष्ट्रपति, प्रधनमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर एनएसजी सुरक्षा को बहाल रखने की मांग की है। जबकि असम प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने इसको लेकर काफी आंदोलन भी चलाया था।