चंडीगढ़। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला द्वारा एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की बेटी का पीछा करने और अपहरण की कोशिश करने का मामला गंभीर रूप लेता जा रहा है।
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने जहां हरियाणा की भाजपा सरकार पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और उसके बेटे को बचाने का आरोप लगाया है, वहीं पुलिस ने कहा है कि वह बिना किसी दबाव के मामले की जांच कर रही है और जरूरत पड़ने पर आगे चलकर मामले में कुछ और धाराएं जोड़ी जा सकती हैं।
चंडीगढ़ पुलिस पर आरोपी विकास बराला के खिलाफ मामले को कमजोर करने का दबाव बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार पर चारों ओर से हमले हो रहे हैं।
बार-बार बयान बदलने को लेकर आलोचना झेल रही चंडीगढ़ पुलिस ने सोमवार को कहा कि वह मामले की बिना किसी दबाव के जांच कर रही है और आने वाले समय में जरूरत पड़ने पर आरोपियों पर और भी धाराएं लगाई जा सकती हैं।
चंडीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ईश सिंघल ने यहां पत्रकारों से कहा कि हम खुले दिमाग से मामले की जांच कर रहे हैं। अगर जांच के अगले चरणों में जरूरत महसूस हुई तो हम आरोपियों के खिलाफ और भी धाराएं लगाएंगे।
इस बीच हालांकि सिंघल मामले में मुख्य आरोपी विकास बराला और सह-आरोपी आशीष कुमार को बचाने में चंडीगढ़ पुलिस की भूमिका से जुड़े सवालों से बचते नजर आए।
घटना के मार्ग में लगे नौ सीसीटीवी कैमरों में से सात के वीडियो फुटेज गायब होने के सवाल पर सिंघल ने कोई जवाब नहीं दिया, उलटे मीडिया पर मामले को लेकर ‘मीडिया ट्रायल’ का आरोप मढ़ दिया।
सिंघल ने कहा कि हम दबाव में कुछ नहीं कर रहे। हमने अपराध की पूरी घटना को फिर से रचा। हम सीसीटीवी फुटेज हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें जांच करते अभी तीन दिन ही हुए हैं।
मामले में पुलिस के कामकाज का बचाव करते हुए सिंघल ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने तत्काल आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया और उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया।
चंडीगढ़ पुलिस ने शनिवार को विकास बराला और उसके एक साथी को नशे की हालत में एक युवती का कार में पीछा करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, हालांकि उसी दिन आरोपियों को जमानत भी मिल गई थी।
सोमवार को ही इससे पहले पुलिस उप अधीक्षक सतीश कुमार ने बताया कि उन्होंने घटना वाले मार्ग में लगे नौ सीसीटीवी कैमरों से सीसीटीवी फुटेज हासिल करने की कोशिश की, लेकिन सभी सीसीटीवी कैमरे बेकार पड़े थे।
हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव वीएस कुंडू की बेटी वर्णिका कुंडू का प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला ने अपने एक साथी आशीष कुमार के साथ सेक्टर -7 से हाउसिंग बोर्ड चौराहे के बीच जिस मार्ग पर पीछा किया, उस पर चंडीगढ़ के कुछ अहम और व्यस्त जगहें पड़ती हैं, जिनमें सेक्टर 26 का पुलिस लाइन इलाका भी शामिल है।
एक जूनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह विचित्र बात है कि इतने हाई प्रोफाइल इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे। ऐसा लग रहा है कि चीजों को दबाया जा रहा है। वहीं कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय पर भाजपा अध्यक्ष के बेटे को बचाने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि गृह मंत्रालय के अधीन आने वाली चंडीगढ़ पुलिस ने आरोपों को कमजोर कर दिया और विकास बराला के खिलाफ जमानती आरोप दर्ज किए।
सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को इस बारे में जवाब देना चाहिए कि भाजपा नेता के बेटे का बचाव आखिर क्यों किया जा रहा है?
सुरजेवाला ने कहा कि विकास ने करीब सात किलोमीटर तक पीड़िता का पीछा किया और उसकी गाड़ी को रोकने की कोशिश भी की। इसके साथ ही उन्होंने गाड़ी का दरवाजा खोलकर अंदर घुसने की भी कोशिश की। क्या यह अपहरण का मामला नहीं है? क्या यह किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार का मामला नहीं है? अगर यह है, तो आरोपी के खिलाफ ये मामला क्यों दर्ज नहीं किए गए हैं?
सुरजेवाला ने कहा कि पुलिस ने अपना बयान बदल दिया। उन्होंने कहा कि हमने पीछा करने का मामला दर्ज किया है। महिला का कहना है कि उसका अपहरण करने की कोशिश की गई थी। फिर यह बात प्राथमिकी में क्यों दर्ज नहीं की गई? यह अपने कर्तव्य से भागना है।
उन्होंने कहा कि क्या यह इस बात को साबित नहीं करता कि अपराह्न् 2.30 बजे से शाम पांच बजे के बीच गृह मंत्रालय और केंद्र से संदेश चंडीगढ़ पुलिस के पास पहुंचे? आखिर वे दोषी को दंडित करने के बजाय मामले को रफा-दफा करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं?
सुरजेवाला ने मोदी और शाह पर भाजपा नेता के बेटे का बचाव करने का आरोप लगाया। भाजपा पर दोहरा चरित्र दर्शाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले, हरियाणा कांग्रेस के एक नेता ने अपने बेटे के एक घटना में संलिप्तता के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में हरियाणा भाजपा अध्यक्ष को भी इस्तीफा दे देना चाहिए।
चंडीगढ़ के पुलिस अधीक्षक सतीश कुमार ने बताया कि बराला और उसके एक दोस्त को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 डी (एक महिला का पीछा करने) के तहत गिरफ्तार किया गया है। धारा 341 (अनधिकृत तरीके से रोकने) को बाद में प्राथमिकी में जोड़ा गया।