नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने चंद्रशेखर के कार्यकाल के दौरान 21 खालिस्तानी आतंकवादियों की मौत पर दुख जाहिर किया है। चंद्रशेखर ने देश के आठवें प्रधानमंत्री के रूप में नवंबर 1990 से जून 1991 तक सेवाएं दी थीं।
अपनी अधिकृत जीवनी ‘द पीपुल्स महाराजा’ के विमोचन के मौके पर अमरिंदर सिंह ने दावा किया कि चंद्रशेखर ने उन्हें धोखा दिया और 21 खालिस्तानी आतंकवादियों की मौत के लिए वह (अमरिंदर) जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा कि उनसे (अमरिंदर) कहा गया कि कुछ आतंकवादी समर्पण करना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री को फोन किया और उन्हें इस बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री समर्पण के फैसले से खुश दिखे थे और उन्होंने अमरिंदर सिंह से आतंकवादियों के समर्पण की कार्रवाई कराने को कहा।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने तत्कालीन प्रधानमंत्री के आवास पर 21 आतंकवादियों का आत्मसमर्पण कराया। लेकिन, उन्हें छह महीने बाद पता चला कि सभी 21 खालिस्तानी आतंकवादियों को मार डाला गया। उन्होंने कहा कि उन्हें चंद्रशेखर पर भरोसा करके पश्चाताप हुआ और तब से उन्होंने किसी के आत्मसमर्पण की पहल नहीं की।
अमरिंदर सिंह ने कार्यक्रम के बाद अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया कि मेरे द्वारा 21 खालिस्तानी आतंकवादियों के आत्मसमर्पण की व्यवस्था की गई, जिनका हत्या कर दी गई। इससे तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर द्वारा मैंने खुद को ठगा से महसूस किया। इसके बाद मैंने उनसे कभी बात नहीं की।
अमरिंदर सिंह अपनी इस बात पर भी कायम हैं कि कनाडा सरकार में खालिस्तान समर्थक तत्व हैं। इससे पहले अमरिंदर सिंह ने भारतीय मूल के कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन से मिलने से इनकार कर दिया था।
अमरिंदर सिंह ने सज्जन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सरकार में दूसरे पंजाबी मूल के मंत्रियों पर खालिस्तान की मांग को लेकर कट्टपरपंथी तत्वों से संबंध होने का आरोप लगाया था। पंजाब सरकार का कोई मंत्री सज्जन के दौरे के दौरान उनके स्वागत के लिए नहीं गया था।