भोपाल। उच्च रक्तचाप एक ऐसा रोग है जिसके कोई लक्षण नहीं होते । जिसके चलते प्राय: उसका पता नहीं चल पाता। ऐसे में इलाज न मिलने से मरीज को हार्ट अटैक, गुर्दे फेल जैसी जटिलताओं से गुजरना पड़ता है। हाई ब्लड प्रेशर को रोकने का एक ही तरीका है जिसमें नियमित रूप से बीपी की जांच कराना शामिल है। यह बात राजधानी के चिकित्सकों ने चर्चा के दौरान कही।
डॉक्टर अशोक गुप्ता बतातें हैं कि मरीजों को बीपी की बीमारी के बारे में पता ही नहीं चल पाता। ऐसे में वे लास्ट स्टेज पर पहुंच जाता है। सभी वयस्क लोगों को डॉक्टर के पास रूटीन मुलाकातों पर अपने बीपी की जांच करानी चाहिए।
कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अभिषेक जैन ने बताया कि हाइपरटेंशन दुनिया भर में असामयिक मौतों के सर्वाधिक महत्वपूर्ण काराणों में से है, जो हर साल करीब 94 लाख लोगों की जान ले लेता है।
हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 25 साल से अधिक उम्र के लोगों में से हर तीन में से एक व्यक्ति उच्च रक्तचाप से प्रभावित है।
उन्होंने बताया कि खास बात यह है कि उच्च रक्तचाप के रोगियों में से चैथाई से लेकर तिहाई लोगों को ही यह जानकारी होती है कि उन्हें यह रोग है, और उच्च रक्तचाप के रोगियों में से केवल पांच में से एक ही रोगी उपचार ले रहा है।
बचाव जरूरी
डॉ शैलेंद्र बताते हैं कि इससे बचाव के लिए स्वस्थ्य जीवनशैल अपनाना जिसमें अधिक स्वास्थ्यप्रद आहार लेना, धूम्रपान छोडना, शारीरिक तौर पर सक्रिय रहना, स्वस्थ्य शारीरिक वजन बनाए रखना, तनाव को प्रबंधित करना और अपने बीपी नंबरों की जानकारी रखना शामिल है।