सूरत। शहर के विभिन्न तापी घाटों और तालाबों पर गुरुवार सुबह सूर्योदय के साथ हजारों श्रद्धालुओं ने आराध्य सूर्य को अघ्र्य अर्पित किया। संसार में जीवन के लिए जरूरी तत्व का संचार करने वाले देव के प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट कर निरोगी काया और जन-धन की कामना की गई। घाटों पर व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत का पारण कर परिजनों को आशीर्वाद दिया और प्रसाद बांटा। इसके साथ ही नहाय-खाय से शुरू हुए चार दिन के छठ पर्व की पूर्णाहुति हो गई।…
सूर्योदय से पहले सुबह पांच बजे से ही शहर के रास्तों पर छठ व्रतियों और उनके परिजनों की चहल-पहल शुरू हो गई। लोग तालाबों और नदी-घाटों की ओर रवाना होने लगे। सुबह छह बजते-बजते घाट और तालाब पर भारी भीड़ नजर आई।
साढ़े छह बजे बाद व्रती नदी-तालाबों में खड़े होकर सूर्य के उदय होने की राह जोहने लगे। सूर्य की पहली किरण के साथ अघ्र्य दिलाने का सिलसिला शुरू हो गया, जो सात-सवा सात बजे तक चला।
अघ्र्य देने के बाद व्रतियों ने सूर्य पुत्री तापी माता के घाट पर पूजा-अर्चना कर हवनादि किए। घाटों पर
व्रतियों के पांव छूकर आशीर्वाद लेने में परिजन पीछे नहीं रहे।
यहां उमड़ी भीड़
जहांगीरपुरा इस्कॉन मंदिर तापी घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ की वजह से इस बार पिछली बार से दोगुनी व्यवस्था भी कम पड़ी। इस घाट के समीप डभोली पुल के जहांगीरपुरा छोर पर भी बिहार विकास परिषद ने व्रतियों के लिए घाट की सुविधा दी। जहांगीपुरा इस्कॉन घाट पर पिछले साल प्लेटफॉर्म की लंबाई बढ़ाई गई थी, लेकिन लोगों की संख्या बढऩे से अघ्र्य के दौरान अफरा-तफरी
का माहौल देखा गया। परिषद के छठ पूजा संयोजक कुंवर सिंह, सुनील मिश्रा, देवेन्द्र आदि दर्जनों कार्यकर्ताओं ने घाट पर आए लोगों के बीच प्रसाद बांटा।
कमोबेश यही हाल पार्ले प्वॉइन्ट अंबाजी मंदिर के पीछे स्थित तापी घाट पर भी देखा गया। यहां पहली बार समस्त बिहार-झारखण्ड समाज ट्रस्ट ने अघ्र्य दिलाने के लिए मनपा के सहयोग से तैयारी कराई थी। सुबह एक ही समय बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के जमा होने की वजह से यहां भी घाट छोटा नजर आया। लोगों ने बारी-बारी से अघ्र्य अर्पित कराने में एक-दूसरे का सहयोग किया। वेडरोड वीयर कम कोजवे पर बिहार विकास मंडल, डिंडोली तालाब पर श्री छठ मानव सेवा ट्रस्ट, नानपुरा नावड़ी ओवारा पर श्री छठ पूजा सेवा समिति की ओर से प्रसाद वितरण किया गया।