दुर्ग। छग के बहुचर्चित गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड मामले में न्यायालय ने शुक्रवार को 10 वर्ष बाद फैसला सुनाया। फैसले में हत्याकांड के मुख्य आरोपी गैंगस्टर तपन सरकार समेत 13 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है।
जबकि साक्ष्य के अभाव में आरोपी विनोद बिहारी के अलावा 19 आरोपियों को न्यायालय ने रिहा करने के आदेश दिए हैं। यह फै सला दुर्ग न्यायालय के विशेष न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव के न्यायालय में आज सुनाया गया। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुरेश प्रसाद शर्मा ने मामले की पैरवी की।
गैंगस्टर महादेव महार की हत्या दुर्ग-भिलाई में सक्रिय गैंगस्टरों के बीच वर्चस्व की लड़ाई को लेकर हुई थी। फलस्वरूप शुक्रवार को हत्याकांड के इस मामले में फैसले को लेकर न्यायालय परिसर में माहौल सरगर्म रहा। जिसके चलते सुरक्षा के लिहाज से न्यायालय परिसर को पुलिस छावनी के रूप में तब्दील कर दिया गया था।
न्यायालय के प्रमुख प्रवेश द्वारों पर पुलिस बल तैनात किए गए थे। वहीं पुलिस के आलाधिकारी और क्राइम ब्रांच की टीम संदिग्धों पर विशेष नजर बनाए हुए थे। मिली जानकारी के मुताबिक गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड मामले में आज दोपहर विशेष न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने अपना फै सला सुनाया।
211 पेज के फैसले में उन्होंने हत्याकांड के मुख्य आरोपी तपन सरकार समेत आरोपी बगाा उर्फ जैद, प्रभाष सिंह, सत्यन माधवन, मंगलसिंह, पिताम्बर साहू, रणजीत सिंह, शैलेन्द्र सिंह ठाकुर, बिगाू उर्फ महेश यादव, छोटू उर्फ कृष्णा राजपूत, बॉबी उर्फ विद्युत चौधरी, अनिल शुक्ला, राजू खंजर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
हत्याकांड के शेष आरोपी विनोद बिहारी, जयदीप सिंह, गुगू उर्फ अरविंद श्रीवास्तव, मुजीबुद्दीन एवं अन्य आरोपियों को रिहा करने के आदेश दिए गए हैं। इन 20 आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य का अभाव था। फ लस्वरूप उन्हें रिहा करने के आदेश दिए गए हैं।
मालूम हो कि 11 फरवरी 2005 की सुबह सुभाष चौक सुपेला में गैंगस्टर महादेव महार की गोली, चाकू, खुखरी व लकड़ी से मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में गैंगस्टर तपन सरकार, विनोद बिहारी समेत 33 लोगों को आरोपी बनाया गया था। एक आरोपी की पूर्व में पुलिस एनकाऊंटर में मौत हो चुकी है। हत्याकांड के इस मामले में आज 10 वर्ष बाद फैसला आया।