जगदलपुर। नाबालिग से बलात्कार के मामले में गुनाहगार साबित आरोपी वरूण मंडावी को एफटीसी बस्तर के न्यायाधीश पंकज जैन ने 19 साल के आरोपी को कुल 19 साल की अलग-अलग तीन पर साथ चलने वाली कैद और रूपये 600 के जुर्माने से दंडित किया।
अदालत ने यह आदेश भी दिया कि पीडि़त को प्रतिकर योजना के तहत हर्जाना राशि राज्य सरकार से दिलाई जाए। राशि दिलवाने की जिम्मेदारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को सौंपी गई है।
अभियोजन कथा के मुताबिक 19 फरवरी 2015 को 14 वर्षीया किशोरी के पिता ने थाना करपावंड में रिपोर्ट दर्ज करवायी कि उसकी पुत्री को आरोपी वरूण ने अगवा कर लिया है।
आरेापी का किशोरी के घर आना-जाना था। 11 फरवरी 2015 की रात भी वह उनके घर आया था। इस बीच उसने किषोरी को अगवा कर अपने परिचित के यहां रखा तथा उसके साथ अनाचार किया।
पुलिस ने मामले में आरोपी के विरूद्ध आईपीसी की धाराओं समेत लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर युवक को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश किया था।
तब से वह न्यायिक अभिरक्षा में है। मामले की सुनवाई करते अपर सत्र न्यायाधीश एफ टीसी पंकज कुमार जैन ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आरोपी को दोषी ठहराया।
कोर्ट ने अरोपी को धारा 363 के तहत चार साल की सजा व सौ रूपये जुर्माना , धारा 366 में पांच साल व दो सौ रूपये तथा 376 दो के तहत दस साल की सजा व तीन सौ रूपये जुर्माने की सजा सुनाई।