रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन बुधवार को मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए 73 करोड़ 996 करोड़ रूपए का आम बजट पेश किया। मुख्यमंत्री ने अपने बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ सोशल सेक्टर पर भी फोकस दिया गया है।
विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के बाद मुख्यमंत्री सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में अपना दसवां आम बजट पेश किया। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि मैं दसवीं बार विधान सभा के समक्ष बजट प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए खड़ा हुआ हूं। 16वें वर्ष में ऊर्जा और उत्साह से भरे हुए छत्तीसगढ़ राज्य को मैंने बारह वर्ष मुख्य मंत्री रहते हुए बड़ा होते देखा है। इस दौरान तय किए गए सफर के अनुभव हमें बताते हैं कि आगे कैसे और किस दिशा में बढ़ा जाए।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने के समय और आज की राज्य की वित्तीय स्थिति की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। वर्ष 2003-04 में छत्तीसगढ़ पर जीएसडीपी के अनुपात में 25.4 प्रतिशत ऋणभार था। आज छत्तीसगढ़ मात्र 15.2 प्रतिशत के ऋणभार के साथ पूरे देश में सबसे कम ऋणभार वाला राज्य है।
ऋणभार कम करने के लिए हमने बेहतर कर प्रशासन से कर प्राप्तियों को बढ़ाया। वर्ष 2003-04 में जी.एस.डी.पी. के अनुपात में कर प्राप्तियां 6.8 प्रतिशत थीं। हमने कर प्राप्तियों को बढ़ाकर 8.5 प्रतिशत तक पहुंचाया, और आज कर प्राप्तियों में छत्तीसगढ़ देश के छह अव्वल राज्यों में है।
उन्होंने कहा कि शासकीय कोष में जुटाई राशि का हमने बेहतर उपयोग किया है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार जीएसडीपी के अनुपात में राज्य का विकासमूलक व्यय हमारी सरकार के कार्यकाल के दौरान 17.4 प्रतिशत से बढक़र 21.4 प्रतिशत हो गया है। इस प्रकार विकासमूलक व्यय में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल है। इसी प्रकार, हमने जीएसडीपी के अनुपात में सामाजिक क्षेत्र पर व्यय को 11.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 14.7 प्रतिशत किया है।
फलस्वरूप सामाजिक क्षेत्र पर व्यय में भी छत्तीसगढ़ देश के प्रथम दो राज्यों में है। हमने अधोसंरचना निर्माण पर भी बराबर ध्यान दिया है। जी.एस.डी.पी. के अनुपात में पूंजीगत व्यय में भी छत्तीसगढ़ देश के अव्वल पांच राज्यों में है। यह संसाधनों के निरंतर बेहतर उपयोग का परिणाम है कि वर्ष 2015-16 में सूखे के बावजूद राज्य का जीएसडीपी 7.07 प्रतिशत की दर से बढऩे का अनुमान है, जो देश की जी.डी.पी. वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत के समकक्ष है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के 12 वर्षों के इस राजकोषीय सफर से यह स्पष्ट है कि भविष्य में भी वित्तीय संसाधनों को जोडऩे और बेहतर प्रबंधन के साथ ही हमें इनका उपयोग राज्य की विकास, सामाजिक क्षेत्र एवं अधोसंरचना की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करना होगा। इसके लिए वित्तीय अनुशासन के साथ-साथ, विकास की समग्र रणनीति बनाकर वित्तीय संसाधनों का उपयोग करना होगा।
डा. रमन सिंह ने कहा कि कमजोर अधोसंरचना एवं निम्न मानव विकास सूचकांकों के साथ-साथ नक्सली समस्या भी नवगठित छत्तीसगढ़ राज्य को विरासत में मिली। यद्यपि अधोसंरचना के निर्माण, मानव संसाधन विकास और नक्सली समस्या पर नियंत्रण पाने की दिशा में हमने बड़े कदम उठाये हैं, परंतु हमें और बहुत आगे जाना है।
विगत वर्ष सूखे का भी हमें सामना करना पड़ा है। इन चुनौतियों के समाधान के साथ-साथ, हमें ऐसे आधार एवं वातावरण का निर्माण करना होगा जिसमें हर छत्तीसगढ़वासी अपनी संभावनाओं और क्षमताओं के अनुरूप अपना विकास कर सके।
उन्होंने कहा कि कुशल वित्तीय प्रबंधन और सही प्राथमिकताओं की एक मजबूत बुनियाद तैयार करने के पश्चात् हमारे सामने अपनी उपलब्धियों से और आगे बढऩे की चुनौती है। इसके लिए हमारी आगामी रणनीति सात स्तंभों पर आधारित है। सुखी अन्नदाता, समावेशी विकास, संचार, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन और सक्षमता को इस बजट के माध्यम से सुदृढ़ किया जाएगा।
डा. सिंह ने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं। छत्तीसगढ़ के किसानों ने अपनी मेहनत से चार साल फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन करते हुए राज्य को कृषि कर्मण पुरस्कार का सम्मान दिलाया है। छत्तीसगढ़ का किसान केवल छत्तीसगढ़ का ही अन्नदाता नहीं है – उसके द्वारा पैदा किये हुए अन्न के हर तीन बोरों में से दो बोरे बाकी देशवासियों का पेट भरते हैं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के निर्माता, माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को कहा था:‘भूखे पेट कोई सेना लड़ नहीं सकती। भूखा देश चैन की नींद नहीं सो सकता। हमारे किसान-मजदूर भाईयों ने देश को आत्मनिर्भर बनाकर अपनी ‘अन्नदाता’ की उपाधि सार्थक की है। मैं तो भगवान से केवल इतनी ही प्रार्थना कर सकता हूं-
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखा-प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए हमारी सरकार ने त्वरित निर्णय लेकर विभिन्न कदम उठाये। इनमें फसल हानि के लिए 8 लाख से अधिक किसानों को असिंचित खेती के लिए 6 हजार 800 रुपए प्रति एकड़ तथा सिंचित खेती के लिए 13 हजार 500 रुपए प्रति एकड़ के मान से लगभग 450 करोड़ की सहायता राशि दी गई।
सिंचाई पंपों के लिए 1 हजार 500 यूनिट अतिरिक्त बिजली नि:शुल्क दी गई। सूखा-प्रभावित किसानों के ऋण को ब्याजरहित मध्यमकालीन ऋण में परिवर्तित करने तथा आंशिक ऋण माफी के विकल्प दिये गये। सूखा-प्रभावित किसानों को ऋण सहायता, एवं अल्पकालीन ऋण ब्याज अनुदान, हेतु बजट में 223 करोड़ का प्रावधान है।
आगामी वर्ष में 1 क्विंटल तक नि:शुल्क प्रमाणित धान बीज प्रदाय करने के लिए 150 करोड़ का प्रावधान है, जिससे लगभग 7 लाख से अधिक लघु एवं सीमांत किसान लाभान्वित होंगे। सूखा-प्रभावित किसानों को बेटियों के विवाह हेतु 30 हजार की बढ़ी हुई दर से एकमुश्त सहायता के लिए मुख्य मंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत 8 करोड़ का नवीन प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री द्वारा नई किसान-हितैषी फसल बीमा योजना प्रारंभ करने के लिये मैं उनका आभारी हूं। फसल बीमा के लिए चालू बजट में प्रावधानित 50 करोड़ को बढ़ाकर 200 करोड़ किया गया है। उन्होंने कहा कि सरगुजा में शक्कर कारखाने की स्थापना उपरांत कबीरधाम जिले के पंडरिया में नए शक्कर कारखाने की स्थापना की जा रही है। इस हेतु 28 करोड़ अंशपूंजी अनुदान का प्रावधान है।
डा. सिंह ने कहा कि राज्य के सभी किसानों को 3 वर्ष में एक बार मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने के इस वर्ष प्रारंभ अभियान तथा 19 नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए 21 करोड़ का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि दलहन बीज उत्पादन एवं वितरण अनुदान की गत वर्ष आरंभ योजना के उत्साहवर्धक परिणाम आए हैं।
राज्य को दलहन उत्पादन में सर्वाधिक वृद्धि के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुआ है। कृषक समग्र विकास योजना के प्रावधान से इस हेतु अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि यंत्र सेवा केन्द्र योजना अंतर्गत संचालित 422 केन्द्रों की संख्या में 250 केन्द्रों की बड़ी वृद्धि हेतु 15 करोड़ का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बजट में अनेक प्रावधान हैं, जिसमें इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में उद्यानिकी महाविद्यालय की स्थापना, 24 हजार जर्मप्लाज़्म की डीएनए फिंगरप्रिटिंग तथा ऑडिटोरियम, कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय भवन व क्लासरूम क्लस्टर के निर्माण हेतु 6 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
कांकेर, कोरिया, राजनांदगांव, रायगढ़ एवं बेमेतरा कृषि महाविद्यालयों तथा जगदलपुर में उद्यानिकी महाविद्यालय के भवनों के निर्माण हेतु 12 करोड़ का प्रावधान है। कामधेनु विश्वविद्यालय में भवन निर्माण तथा खेल परिसर हेतु 21 करोड़ 57 लाख का प्रावधान है। पशु चिकित्सा महाविद्यालय, बिलासपुर के भवन निर्माण हेतु 1 करोड़ का प्रावधान है।
मत्स्यिकी महाविद्यालय, कबीरधाम हेतु आवश्यक पदों का सृजन प्रावधानित है। साथ ही कॉलेज के छात्रों को देश में अन्यत्र व्यवहारिक प्रशिक्षण हेतु शिष्यवृत्ति प्रारंभ करने के लिए प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य में जैविक प्रमाणीकरण संस्था की स्थापना की जाएगी और जैविक खेती मिशन आरंभ किया जाएगा। इस हेतु 20 करोड़ का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि जिला कोण्डागांव में नवीन कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना के लिए भूमि की व्यवस्था हेतु 1 करोड़ 94 लाख का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि 15 पशु औषधालयों का पशु चिकित्सालयों में उन्नयन एवं 15 नवीन पशु औषधालयों की स्थापना प्रावधानित है। 12 पशु चिकित्सा संस्थानों के भवनों के निर्माण हेतु 2 करोड़ का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि भूमि विकास बैंकों के सहकारी बैंकों में विलय के फलस्वरूप संचित हानि एवं प्रावधान के लिए 42 करोड़ 63 लाख प्रावधानित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की वर्तमान सिंचाई क्षमता बोए गए क्षेत्रफल का लगभग 35 प्रतिशत है। सिंचाई की बढ़ोत्तरी के लिए 2 हजार 564 करोड़ का प्रावधान है, जिसमें नवीन योजनाओं हेतु 296 करोड़ का प्रावधान सम्मिलित है। आगामी वर्ष में 83 हजार हैक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्माण का लक्ष्य है, जिससे सिंचाई क्षमता के क्षेत्रफल में डेढ़ प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
प्रमुख परियोजनाओं हेतु प्रावधान निम्नानुसार हैं:- अरपा भैंसाझार परियोजना के लिए 169 करोड़, महानदी परियोजना समूह की नहरों की रिमॉडलिंग और लाईनिंग के लिए 163 करोड़, सोंढूर परियोजना के लिए 49 करोड़, केलो परियोजना के लिए 47 करोड़, मोंगरा बैराज फेज-2 के लिए 43 करोड़।
उन्होंने कहा कि 23 हजार कृषि पंपों के परंपरागत और सौर ऊर्जा से ऊर्जीकरण के लिए 243 करोड़ का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि विद्यमान संरचनाओं पर आधारित 25 सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं के लिए 22 करोड़ का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों का विकास हमारी सर्वोच्च जिम्मेदारी है। यह जिम्मेदारी तब पूरी होगी जब सुदूर वनांचलों में रहने वाले आदिवासी वर्ग और सदियों से अवसरों से वंचित अनुसूचित जाति वर्ग को जीवन की आधारभूत आवश्यकताएं और अपनी बेहतरी के साधन उपलब्ध हों।
डा. सिंह ने कहा कि बजट में बस्तर के लिए जगदलपुर में सार्वजनिक-निजी भागीदारी से टॅऊामा सेंटर से युक्त 100 बिस्तर अस्पताल की आगामी वर्ष स्थापना के लिए प्रावधान है। इसके अलावा एनएमडीसी के सहयोग से जगदलपुर में 100 बिस्तर सुपरस्पेशलिटी अस्पताल भी स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरगुजा क्षेत्र के लिए भी सार्वजनिक-निजी भागीदारी से 100 बिस्तर अस्पताल के लिए प्रावधान है। सरगुजा में मेडिकल कॉलेज के भवन एवं अस्पताल हेतु 24 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल, कांकेर को 100 बिस्तर से 200 बिस्तर किया जायेगा तथा बस्तर व सूरजपुर में 100 बिस्तर के जिला अस्पताल प्रारंभ किए जाएंगे।
10 नवीन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा 7 नये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए प्रावधान है। उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों का शत-प्रतिशत स्वास्थ्य परीक्षण, स्वास्थ्य कार्ड वितरण तथा स्वास्थ्य बीमा देने का अभियान इस वर्ष संचालित करने हेतु प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधान मंत्री द्वारा देखे और सराहे गए दंतेवाड़ा एजुकेशन सिटी के समान एजुकेशन सिटी उद्योगों के सहयोग से सुकमा एवं बीजापुर में स्थापित किये जाएंगे। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में 39 हाईस्कूलों का हायर सेकेण्डरी स्कूलों में तथा 30 मिडिल स्कूलों का हाईस्कूलों में उन्नयन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा लेते हुए, आश्रम शालाओं एवं छात्रावासों के रहवासी छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु स्वामी विवेकानंद गुरूकुल उन्नयन योजना प्रारंभ करने हेतु 119 करोड़ का प्रावधान है। इस बजट से, योजना अंतर्गत- राज्य की सभी 201 भवनविहीन आश्रम शालाओं के लिए 2 वर्ष में बजट तथा संसाधनों के अभिसरण से भवन स्वीकृत करने की योजना है।
इस बजट में 47 आश्रम भवनों का निर्माण प्रावधानित है। 75 आश्रम शालाओं और छात्रावासों में शौचालय और स्नानागारों की 5-5 इकाईयां, 62 कन्या आश्रम शालाओं और छात्रावासों में रहवासी अधीक्षिका के लिए आवासगृह निर्माण, तथा 542 आश्रम-छात्रावासों में गार्ड रूम निर्माण किया जाएगा।
जगदलपुर तथा मुंगेली में क्रीड़ा परिसर की स्थापना की जाएगी। सभी 16 क्रीड़ा परिसरों में पोषण आहार, खेल पोषाक दर एवं खेल प्रशिक्षण शिविरों तथा शिक्षण अमले में बढ़ोत्तरी की जायेगी। आदर्श छात्रावासों को पुरुस्कार, बस्तर के छात्रों के अध्ययन भ्रमण तथा नगरीय छात्रावासों एवं आश्रमों में रसोई गैस के लिए प्रावधान है। शिष्यवृत्ति की दर बढ़ाकर 850 रुपए प्रतिमाह की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरगुजा में विज्ञान केन्द्र की स्थापना हेतु 1 करोड़ का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि बस्तानार, उदयपुर, लुण्ड्रा और कांसाबेल में आई.टी.आई. की स्थापना हेतु प्रावधान है। बस्तर एवं सरगुजा के विश्वविद्यालयों को 20 करोड़ की लागत से भवनों के निर्माण हेतु सहायता दी जाएगी।
बीजापुर, रामानुजगंज, चारामा, भैरमगढ़, सारंगढ़, मस्तुरी, लैलूंगा, शिवरीनारायण एवं जैजेपुर में नगरीय जल प्रदाय योजनाओं हेतु प्रावधान है। विकासखंड नवागढ़ के अमलडीहा एनीकट पर आधारित समूह, विकासखंड मानपुर के औंधी समूह और विकासखंड चौकी के चिल्हाटी समूह के लिए सामूहिक ग्रामीण जल प्रदाय योजनाओं हेतु प्रावधान है। मोहला, देवभोग एवं नगरी विकासखंडों के लिए पीएचई उपखंड स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों के 175 ग्रामों में पेयजल व्यवस्था हेतु 3 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति उपयोजना क्षेत्रों में आगामी 3 वर्षों में पीडब्ल्यूडी अंतर्गत 5 हजार किलोमीटर लंबाई की सडक़ें उन्नयित करने के लिए प्रावधान है। इसके अतिरिक्त प्रधान मंत्री ग्राम सडक़ योजना अंतर्गत 2 हजार 476 किलोमीटर लंबाई की सडक़ों के निर्माण से 766 बसाहटों को 1 हजार 62 करोड़ की लागत से निर्मित करने हेतु प्रावधान है।
डा. सिह ने कहा कि बस्तर एवं सरगुजा क्षेत्रों में 44 हजार पंपों का ऊर्जीकरण किया गया है तथा आगामी वर्ष में 4 हजार और पंपों के ऊर्जीकरण के लिए प्रावधान है। मार्च 2018 तक 4 हजार 490 बसाहटों को तथा मार्च 2017 तक सभी अविद्युतीकृत 795 ग्रामों के विद्युतीकरण के लिए 571 करोड़ की लागत की परियोजना स्वीकृत की गई है।
मार्च 2017 तक सभी अविद्युतीकृत 7 हजार स्कूलों तथा सभी 9 हजार अविद्युतीकृत आंगनबाडिय़ों के विद्युतीकरण की योजना है। उदय योजना का लाभ लेते हुए राज्य की विद्युत कंपनियों द्वारा क्षेत्र में लो वोल्टेज समस्या को हल करने और बढ़ती मांग की पूर्ति हेतु 700 करोड़ की लागत से 80 सबस्टेशन दो वर्षों में स्थापित किए जाएंगे। जगदलपुर तक नियमित उड़ानें संचालित करने के लिये जगदलपुर हवाईपट्टी को विकसित करने हेतु 23 करोड़ का प्रावधान है।
हमारे घोषणा-पत्र में किए वादे को पूरा करते हुए विशेष पिछड़ी जनजाति के सभी परिवारों को सूचना जागरूकता हेतु रेडियो एवं दैनिक आवश्यकता हेतु छाता प्रदाय के लिए प्रावधान है। इन परिवारों को कम्बल वितरण की व्यवस्था कैम्पा के माध्यम से की जाएगी।
उन्होंने कहा कि संरक्षित वन क्षेत्रों के 23 हजार परिवारों को तेंदूपत्ता संग्रहण की क्षतिपूर्ति के लिए 2 हजार रुपए प्रति परिवार सहायता इस वर्ष से दी जाएगी। शहीद वीरनारायण सिंह एवं गुरू घासीदास जी की जयंतियों को उल्लासपूर्वक मनाने के लिए बजट में 75 लाख का प्रावधान है। हर साल राष्ट्रीय स्तर के आदिवासी सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित किया जाएगा, जिसके लिए 1 करोड़ का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि संचार के लिए हमारी रणनीति न केवल आज बल्कि भविष्य की जरूरतों के लिए सडक़ व रेल नेटवर्क निर्मित करना, यातायात को सुरक्षित एवं सुगम बनाना, तथा राज्य की औद्योगिक धुरियों को वायुमार्ग से जोडऩा है।
उन्होंने कहा कि राज्य की पीडब्ल्यूडी सडक़ों का नेटवर्क 32 हजार किलोमीटर का है। हमारी सरकार ने 42 हजार करोड़ के निवेश से आगामी तीन वर्षों के लिए इस नेटवर्क के 13 हजार किलोमीटर का राज्य और केन्द्र की योजनाओं से उन्नयन करने की महत्वाकांक्षी कार्ययोजना बनाई है। इसमें राज्य की योजना अंतर्गत 8 हजार 745 किलोमीटर लंबाई की सडक़ों का उन्नयन सम्मिलित है।
इस बजट में सडक़ों के उन्नयन तथा रेलवे अंडरब्रिज व ओवरब्रिज और पुलों के निर्माण के लिये 4 हजार 640 करोड़ का प्रावधान है, जो चालू वर्ष के प्रावधान से 56 प्रतिशत अधिक है। इसके अतिरिक्त, प्रधान मंत्री ग्राम सडक़ योजना, मुख्य मंत्री ग्राम सडक़ योजना एवं मुख्य मंत्री ग्राम गौरव पथ योजना अंतर्गत कुल 1 हजार 461 करोड़ का प्रावधान है। इस प्रकार बजट में सडक़ कार्य हेतु कुल 6 हजार 101 करोड़ का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि मुख्य मंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत अब तक 2 हजार 620 किलोमीटर सडक़ें निर्मित की जा चुकी हैं। आगामी वर्ष में 158 नवीन सडक़ों के निर्माण के लिए 150 करोड़ तथा निर्माणाधीन कार्यों को पूर्ण करने के लिए 150 करोड़ का प्रावधान है। मुख्य मंत्री ग्राम गौरव पथ योजना के अंतर्गत 175 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 160 वर्षों में छत्तीसगढ़ में मात्र 1 हजार 196 किलोमीटर रेल लाईनों का विकास हुआ था। राज्य के कुछ जिले ही रेल संपर्क से जुड़े थे। हमने 1 हजार 300 किलोमीटर से अधिक रेल नेटवर्क मात्र 5-6 वर्षों में तैयार करने की रणनीति बनाई है। इसके तहत 546 किलोमीटर रेल लाईन की वृद्धि राज्य एवं केन्द्र सरकार के उपक्रमों के माध्यम से हो रही है।
दिल्ली राजहरा-रावघाट रेल लाईन का 17 किलोमीटर निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है और जगदलपुर तक लाईन के लिये सर्वे कार्य जारी है। खरसिया-धरमजयगढ़-कोरबा और कोरबा-पेण्ड्रारोड रेल लाईन का विकास कार्य भी तेजी से चल रहा है। इसके अतिरिक्त रेल मंत्रालय, भारत सरकार एवं राज्य शासन के बीच नवीन रेल लाईनों के निर्माण हेतु एक एम.ओ.यू. संपादित किया गया है।
रायपुर-बलौदाबाजार-झारसुगुड़ा, अंबिकापुर-बरवाडीह एवं डोंगरगढ़-कवर्धा- मुंगेली-बिलासपुर-कटघोरा रेल लाईनों को विकसित करने की योजना है। इससे रेल नेटवर्क में लगभग 780 किलोमीटर की वृद्धि होगी जिससे राज्य का रेल नेटवर्क दुगुना हो जाएगा। सार्वजनिक-निजी भागीदारी से रेल नेटवर्क विस्तार हेतु अंशपूंजी के लिए 55 करोड़ का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद विमानतल, रायपुर विस्तार तथा रायगढ़ की हवाईपट्टी के विमानतल में उन्नयन हेतु 126 करोड़ का प्रावधान है। रायपुर से केन्द्री छोटी लाईन की भूमि को रेलवे से प्राप्त करने के लिये 139 करोड़ का प्रावधान है। इसका उपयोग रायपुर नगर में सडक़ बनाकर यातायात के दबाव को कम करने और एयरपोर्ट व नया रायपुर तक सार्वजनिक यातायात सेवाएं विकसित करने के लिए किया जाएगा।
नया रायपुर में बस रेपिड ट्रांजिट सिस्टम हेतु बसों के क्रय और संचालन के लिये 15 करोड़ का प्रावधान है। नारायणपुर, सुकमा एवं बीजापुर जिलों में जिला परिवहन कार्यालय खोलने के लिए प्रावधान है। रायपुर में अत्याधुनिक वाहन परीक्षण केन्द्र की स्थापना के लिए 14 करोड़ 40 लाख का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि ’सबके लिए स्वास्थ्य’ के लिए हमारी रणनीति खाद्य व पोषण सुरक्षा, स्वच्छ परिवेश, पेयजल, ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे स्वास्थ्य सेवायें, अस्पतालों में डॉक्टरों और बिस्तरों की उपलब्धता, तथा हर व्यक्ति को इलाज के लिए आर्थिक सहायता सुनिश्चित करना है।
गर्भवती महिलाओं के पोषण में सुधार हेतु आंगनबाड़ी केन्द्रों में पका हुआ भोजन प्रतिदिन एक बार उपलब्ध कराये जाने हेतु महतारी जतन योजना प्रारंभ की जाएगी। इस हेतु 25 करोड़ का प्रावधान है। बच्चों के पूरक पोषण हेतु दूध प्रदाय के लिए मुख्य मंत्री अमृत योजना प्रारंभ की जाएगी, जिसमें आंगनबाड़ी केन्द्रों में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को सप्ताह में एक बार सुगन्धित मीठा दूध देने के लिए 25 करोड़ का प्रावधान है।
बस्तर और कबीरधाम जिलों में आठवीं कक्षा तक के छात्रों को सप्ताह में एक बार सोया दूध देने के लिए 6 करोड़ 61 लाख का प्रावधान है। पाइलट आधार पर प्रारंभ की जाने वाली इस योजना को संसाधनों के अभिसरण से बालोद जिले में भी चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्य मंत्री बाल संदर्भ योजना अंतर्गत कुपोषित बच्चों को अस्पताल पहुंचाने की सुविधा प्रारंभ करने हेतु ढाई करोड़ का नवीन प्रावधान है। मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के संचालन हेतु 542 करोड़ का प्रावधान है। मुख्य मंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के अंतर्गत लगभग 60 लाख परिवारों की खाद्य सुरक्षा हेतु 3 हजार 300 करोड़ का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत हेतु ग्रामीण क्षेत्र के लिए 400 करोड़ तथा नगरीय क्षेत्र के लिए 300 करोड़ का प्रावधान है। स्वच्छ भारत मिशन के कार्यान्वयन में छत्तीसगढ़ अग्रणी है। प्रधान मंत्री ने कुछ दिवस पूर्व राजनांदगांव जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखंड अम्बागढ़ चौकी और छुरिया को खुले में शौच से मुक्त घोषित करते हुए हमारा आत्मविश्वास बढ़ाया है।
राज्य में अब तक 1 हजार 554 गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में शौचालय निर्माण के लिए नियत 5,333 रुपए प्रति शौचालय की शासकीय सब्सिडी के बराबर, इतनी ही अतिरिक्त सब्सिडी राज्य के बजट से देने हेतु 100 करोड़ का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ जल प्रदाय के लिए 525 करोड़ लागत की 8 नवीन समूह जल प्रदाय योजनाओं के लिए प्रावधान है। इन योजनाओं से कुल 4 लाख 77 हजार लोग लाभान्वित होंगे। 16 नगर पंचायतों के लिये 200 करोड़ लागत से नगरीय जल प्रदाय योजनाओं के लिए प्रावधान है। इससे ढाई लाख लोग लाभान्वित होंगे।
उन्होंने कहा कि राज्यव्यापी आधार पर स्वास्थ्य बीमा की सुरक्षा उपलब्ध कराने की देश में सबसे बड़ी योजना छत्तीसगढ़ संचालित कर रहा है। मुख्य मंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना अंतर्गत 16 लाख परिवारों के स्वास्थ्य बीमा के लिये बीमा कवर की राशि 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की जायेगी। गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु पत्रकारों को इसके अलावा 20 हजार का अतिरिक्त स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध होगा। योजना हेतु 60 करोड़ का प्रावधान है।
इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के सफल क्रियान्वयन में भी राज्य अग्रणी रहा है। इस योजना में अब तक 4 लाख लोगों को 347 करोड़ रुपए के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। आगामी वर्ष में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को 30 हजार का अतिरिक्त स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध होगा। योजना के लिए 2015-16 में 109 करोड़ के प्रावधान को बढ़ाकर इस बजट में 250 करोड़ किया गया है।
राज्य में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की दृष्टि से सभी 155 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और 492 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 24 घंटे प्रसव की सुविधा प्रारंभ करने के लिये प्रावधान है। इस प्रकार आगामी वर्ष में राज्य की 68 प्रतिशत प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थाओं में यह सुविधा शुरू करने की योजना है। अस्पतालों में 2 हजार 400 नई बिस्तर क्षमता का निर्माण कर, बिस्तर क्षमता में 44 प्रतिशत की वृद्धि के लिये प्रावधान है। इस हेतु जिला अस्पताल दुर्ग को 400 बिस्तर से 500 बिस्तर किया जाएगा।
4 जिला अस्पतालों को 100 बिस्तर से 200 बिस्तर किया जाएगा। 6 जिलों में 100 बिस्तर के जिला अस्पतालों के लिये उपकरण एवं फर्नीचर की व्यवस्था कर इन्हें प्रारंभ किया जाएगा। रायगढ़ और राजनांदगांव जिलों के नए 100 बिस्तर जिला अस्पताल का प्रावधान है। नया रायपुर, मठपुरैना, गुढिय़ारी, खुर्सीपार (छावनी), कुरुद, भाटापारा और मनेन्द्रगढ़, कुल 7 स्थानों में नये 100 बिस्तर सिविल अस्पताल का प्रावधान है। 15 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उन्नयन का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी शासकीय अस्पतालों में भर्ती मरीजों के भोजन की दर 60 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 100 रुपये प्रतिदिन की जायेगी। दाऊ कल्याण सिंह अस्पताल परिसर में न्यूरोसर्जरी, नेफ्रॉलजी, प्लास्टिक सर्जरी और पिडियाट्रिक सर्जरी सुपरस्पेशलिटी सुविधायें प्रारंभ की जायेंगी। वहां च्म्ज् स्कैन की सुविधा सुलभ होगी जिसके लिये वर्तमान में लोगों को राज्य के बाहर जाना पड़ता है। इस हेतु 21 करोड़ का प्रावधान है।
शासकीय मेडिकल कॉलेजों में एम.सी.आई. के मानकों के अनुसार सुविधायें विकसित करने के लिये उपकरणों व फर्नीचर के लिए 81 करोड़ एवं अधोसंरचना विकास हेतु 150 करोड़ का प्रावधान है। सिम्स, बिलासपुर के नवीन भवन निर्माण हेतु प्रावधान है। नर्सिंग महाविद्यालय, दुर्ग एवं राजनांदगांव के नए भवनों के निर्माण के लिये 2 करोड़ का प्रावधान है।
राजनांदगांव, कबीरधाम, जशपुर एवं धमतरी जिलों में आयुष पॉलीक्लिनिक भवन निर्माण हेतु प्रावधान है। आयुर्वेदिक महाविद्यालय, रायपुर में 4 विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जायेंगे। 1 हजार गांवों में योग प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण शिविरों हेतु प्रावधान है।