जगदलपुर। नसबंदी कांड को लेकर मचे बवाल के बाद राज्य मंत्री मंडल का विस्तार तय माना जा रहा है। मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह भी इसके संकेत दे चुके हैं, हालांकि मुख्यमंत्री ने इसकी तिथि नहीं बतायी है, किंतु जानकार सूत्रों की माने तो पखवाड़े भर में यह विस्तार हो सकता है।
खबर है कि इस विस्तार में बस्तर को एक मंत्री व एक संसदीय सचिव की सौगात मिल सकती है। इसके अलावा बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद पर भी निर्णय होने की संभावना है।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में बस्तर संभाग में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। 12 विधानसभा सीटों में से सिर्फ चार सीट ही भाजपा जीत पायी है तथा आठ सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।
भाजपा के नारायणपुर विधायक केदार कश्यप ही इकलौते मंत्री हैं, जो कि मंत्री मंडल में बस्तर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, इसके अलावा जगदलपुर विधायक संतोष बाफना तथा बीजापुर विधायक महेश गागड़ा भी दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। इनमें श्री गागड़ा पूर्व में भी संसदीय सचिव रह चुके हैं।
सर्वाधिक मतों से जीतने वाले विधायक हैं बाफना
सूत्रों के अनुसार बीजापुर विधायक महेश गागड़ा तथा जगदलपुर विधायक संतोष बाफना मंत्री पद के मुख्य दावेदार हैं। संतोष बाफना लगातार दो बार बस्तर में सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाले एक मात्र सामान्य विधायक हैं। बाफना की लोकप्रियता एवं सक्रियता ने नाते संभावना है कि उन्हें लालबत्ती से नवाजा जाए।
बस्तर का सामान्य वर्ग भी अपने बीच से एकमात्र सामान्य विधायक को मंत्री पद से सुशोभित किए जाने की आस लगाए बैठा है। इधर बस्तर जिले में भाजपा का कोई प्रतिनिधि लालबत्ती धारी न होने के कारण श्री बाफना को मंत्री, संसदीय सचिव या बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद दिये जाने की चर्चा है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो पखवाड़े भर में होने वाले मंत्री मंडल के विस्तार में बस्तर को नई सौगात मिल सकती है।
गागड़ा में अनुभव की कमी नहीं
मंत्री मंडल में आदिवासी वर्ग से एक मंत्री होने के कारण महेश गागड़ा के मंत्री बनने के लिए सर्वाधिक संभावनाएं हैं। गागड़ा में पूर्व में भी संसदीय सचिव रह चुके हैं, इसके अलावा भाजपा विधायक दल में केदार कश्यप के बाद दो बार चुनाव जीतने वाले अकेले विधायक हैं। राज्य में भाजपा सरकार की हैट्रिक होने के बाद भी अब तक रमन सिंह मंत्री मंडल में दक्षिण बस्तर को कोई प्रतिनिधित नहीं मिल पाया है। दक्षिण बस्तर से मंत्री बनाये जाने का दबाव कई वर्षों से बना हुआ है, जिसके चलते श्री गागड़ा के मंत्री बनने की संभावनाएं सर्वाधिक हैं।