रायपुर। विधानसभा में सोमवार को गिरवधर जंघेल, दलेश्वर साहू, मोतीलाल देवांगन ने अपने ध्यानाकर्षण के माध्यम से कहा कि जिला राजनांदगांव में अकाल की मार झेल रहे ग्रामीणों को राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन ने गांव-गांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का काम शुरू कराया है।
प्रशासन द्वारा फंड नहीं होने के बाद भी कार्य कराया गया। इसके चलते अब पसीना बहाने के बाद भी ग्रामीणों को मजदूरी लेने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे है। जिले भर में 1 मार्च 2016 तक 500 पंचायतों में 110 करोड़ रूपए का काम कराया गया, जिसमें से कुछ कार्यो की ही राशि का भुगतान किया गया है। जबकि सभी विकासखंड में अभी भी भुगतान बाकी है।
विकासखंड मानपुर में 2.5 करोड़ रूपए, मोहला में 2.5 करोड़ रूपए, चौकी में 1.00 करोड़ रूपए, छुरिया में 2.5 करोड़ रूपए, छुईखदान में 3.00 करोड़ रूपए, डोंगरगांव में 2.25 करोड़ रूपए, डोंगरगढ़ में 3.00 करोड़ रूपए, खैरागढ़ में 5.5 करोड़ रूपए एवं राजनांदगांव में 3.00 करोड़ रूपए का भुगतान नहीं किया गया है।
ग्रामीण जन मजदूरी नहीं मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे है। विभागीय अधिकारियों द्वारा मजदूरों के भुगतान कराए जाने की कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। मनरेगा के मजदूरों को काम करने से लेकर 15 दिनों में भुगतान का प्रावधान योजना में उल्लेखित है, परंतु जांजगीर-चांपा जिले के मजदूरों को विगत कई महीनों से लगभग आठ करोड़ का मजदूरी भुगतान किया जाना बाकी है।
जिले में वर्तमान में 4610 कार्य प्रचलन में हैं, जिसमें मात्र 546 पूरे हो पाए है। लगभग चार हजार कार्य अभी भी अधूरे है। 80 प्रतिशत मजदूरों को खाता पोस्ट ऑफिस में होने के कारण वैसे भी मजदूरों को भुगतान पाने के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है।
मजदूरी राशि नहीं मिलने के कारण मजदूरों के समक्ष भुखमरी की स्थिति निर्मित हो गई है। इस कारण मजदूर आक्रोशित हो रहे है तथा स्थिति कभी भी विस्फोटक हो सकती है। इससे मजदूरों तथा आम जनता में भारी रोष एवं आक्रोश व्याप्त है।
ध्यानाकर्षण सूचना के जवाब में विभागीय मंत्री ने सदन में बताया कि जिला राजनांदगांव सूखे से प्रभावित होने के कारण जिले के मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु व्यापक स्तर पर प्रशासन द्वारा महात्मा गांधी नरेगा से कार्य प्रारंभ किये गये यह भी सही है कि राजनांदगांव जिले के विकासखंडों में कुल राशि 31.93 करोड़ का मजदूरी भुगतान वर्तमान में लंबित है।
वस्तुस्थिति यह है कि राजनांदगांव जिले में 27 मार्च 2016 तक जिले के 750 से अधिक ग्राम पंचायतों में राशि रूपये 150 करोड़ से अधिक से कार्य कराया जा चुका है जिसमें राशि रूपये 109.24 करोड़ का भुगतान पूर्ण कर ली गई है।
जिले में योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-2014 एवं 2014-15 में कराये गये कार्यों का मजदूरी भुगतान पूर्ण कर लिया गया है एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 के कराये गये कार्यों में से माह दिसंबर 2015 तक के कार्यों का मजदूरी भुगतान शेष नहीं है योजनांतर्गत जिला राजनांदगांव में आज की स्थिति में 1203 कार्य चल रहे है जिसमें 40499 मजदूर कार्यरत है।
जांजगीर में योजनातर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 का मजदूरी भुगतान पूर्ण कर लिया गया है जांच प्रक्रियाधीन होने के कारण प्रकरणों को छोडक़र वर्ष 2014-15 में कराए गए कार्यों का मजदूरी भुगतान पूर्ण कर लिया गया है एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 के कराए गए कार्यों में से माह दिसंबर 2015 तक के कार्यों का मजदूरी भुगतान शेष नहीं है।
वर्ष 2015 -16 में स्वीकृत 16071 कार्यों में से 9268 कार्य प्रारंभ किय गये है महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना मांग आधारित योजना है योजनांतर्गत रोजगार की मांग के अनुरूप अपूर्ण कार्यों को पूर्ण किया गया जिले में वर्तमान में 5519 कार्य चल रहे है जिसमें 24756 मजदूर कार्यरत है।
योजनांतर्गत कार्यरत सभी मजदूरों का मजदूरी भुगतान भारत सरकार से प्राप्त निर्देशानुसार बैंक एवं पोस्ट आफिस के माध्यम से कराया जा रहा है। जांजगीर-चांपा जिले में 67 प्रतिशत मजदूरों का खाता पोस्ट आफिस में है। यह कहना सही है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत कराए गए कार्यों का मजदूरी भुगतान 15 दिवस के भीतर किए जाने का प्रावधान है परंतु मजदूर दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर है।