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छत्तीसगढ़ को मनरेगा में मिला राष्ट्रीय पुरस्कार, जेटली ने की प्रशंसा - Sabguru News
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छत्तीसगढ़ को मनरेगा में मिला राष्ट्रीय पुरस्कार, जेटली ने की प्रशंसा

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छत्तीसगढ़ को मनरेगा में मिला राष्ट्रीय पुरस्कार, जेटली ने की प्रशंसा
Chhattisgarh gets national award for mgnrega scheme
Chhattisgarh gets national award for mgnrega scheme
Chhattisgarh gets national award for mgnrega scheme

रायपुर। केन्द्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में उत्कृष्ट कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ को एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया है। मंगलवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित महात्मा गांधी नरेगा सम्मेलन में विभिन्न राज्यों द्वारा नरेगा के तहत किए गए उत्कृष्ट कायों की प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ सरकार को इस पुरस्कार से नवाजा गया।

केन्द्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री राव वीरेन्द्र सिंह के हाथों छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव पी.सी.मिश्रा और नोडल अधिकारी सुभाष मिश्रा ने राज्य सरकार के लिए यह पुरस्कार ग्रहण किया।

सम्मेलन में बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की पाढ़ी ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती सुषमा मिंज को मनरेगा में सकारात्मक कार्य करने के लिए भी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सुषमा मिंज ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए मनरेगा के संबंध में अपने अनुभव भी साझा किए।

समारोह में मनरेगा में त्वरित मजदूरी भुगतान और खाता खोलने के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए राजनांदगांव के सहायक पोस्ट मास्टर के.पी.वर्मा, बांचाबाजार के उप डाकपाल सीताराम देवांगन और धमतरी जिले के भटगांवरूद्री के शाखा डाकपाल गजाधर प्रसाद सिन्हा को भी सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्रीगण रामकृपाल सिंह यादव, सुदर्शन भगत और निहालचंद भी उपस्थित थे। छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एम.के.राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अजय चन्द्राकर के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं, यह पुरस्कार उसी का प्रमाण है।

सम्मेलन में छत्तीसगढ़ ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत राज्य में कराए जा रहे विकास कार्यो और मनरेगा हितग्राहियों की आजीविका संवर्धन के प्रयास को सहज तरीके से प्रदर्शित किया गया था, जिसकी सराहना केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री राव बीरेन्द्र सिंह ने भी की।

प्रदर्शनी में राज्य के सुदूर वनांचल और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मनरेगा तथा अन्य योजनाओं के सामंजस्य से मत्स्य पालन, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए बाड़ी निर्माण, कोसा उत्पादन से आजीविका संवर्धन, डेयरी व्यवसाय और ग्रामीण पर्यटन से जुड़े कार्याे को मॉडल के तौर पर प्रदर्शित किया था।

इस प्रदर्शनी में गरियाबंद जिले की जॉब कार्डधारी महिलाओं द्वारा मनरेगा के तहत स्व-सहायता समूह साईकृपा बनाकर सीएफएल निर्माण कर आजीविका अर्जित करने को भी प्रदर्शित किया गया था। सम्मेलन में केन्द्र सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव जे.के.महापात्र, अतिरिक्त सचिव अमरजीत सिन्हा और संयुक्त सचिव मनरेगा श्रीमती अपराजिता सांरगी भी उपस्थित थीं।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की पाढ़ी ग्राम पंचायत की आदिवासी महिला संरपच सुषमा मिंज ने राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित किया। उन्होंने बताया कि उनका गांव चारो ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है। बरसात में पहाड़ों से पानी के बहाव के कारण कृषि भूमि का काफी कटाव होता था, जिससे ग्रामवासियों को काफी नुकसान होता था। हमने मनरेगा के माध्यम से पक्की नालियां बनवाई, स्टाप डेम बनाए और बहते पानी को रोका। अब हमारे गांव में बारहमासी खेती हो रही है।

ग्रामवासियों की आर्थिक स्थिति में जबरदस्त बदलाव आया है। अब कोई भी साहूकार से कर्जा नहीं लेता, बंजर जमीन अब उपजाऊ हो गई है। उन्होंने बताया कि हमारी ग्राम पंचायत को मनरेगा से दो करोड़ 50 लाख रूपए मिले हैं, जिसमें से 1.80 करोड़ रूपए विकास कार्याे में खर्च भी कर चुके हैं।

हमारी पंचायत में प्रतिदिन बायोमैट्रिक पद्धति से एक लाख रूपए की मजदूरी का भुगतान करते हैं। श्रीमती सुषमा मिंज ने सम्मेलन में अपनी मनरेगा मजदूर से सरपंच बनने की कहानी भी बताई। सम्मेलन में उपस्थित सभी लोगो ने सुषमा मिंज के उद्बोधन और नेतृत्व क्षमता की जमकर प्रशंसा की।

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