धमतरी। कोई दिन भर एसी गाड़ी में चल रहा है और गाड़ी से उतरने के बाद उसे पंखा भी नसीब न हो तो सोचिए उस व्यक्ति की क्या हालत होगी। शासकीय ड्राईवरों की स्थिति कुछ ऐसी ही है। ड्राईवरों की मांग पर कलेक्ट्रेट में उनके लिए विश्राम कक्ष तो बना दिया गया है पर वहां व्यवस्था कुछ भी नहीं है।
ड्राईवरों का कहना है कि विश्राम कक्ष से तो वाहन ही ठीक था? कुरूद, नगरी, मगरलोड के अधिकारी कलेक्ट्रेट में होने वाली बैठकों में शामिल होने शासकीय वाहनों से आते हैं। बैठक में घंटों समय लगता है।
ऐसे में शासकीय ड्राईवरों को अधिकारियों के बैठक से उठने के इंतजार में या तो वाहन के अंदर बैठकर ही समय बिताना पड़ता था या इधर-उधर भटकना पड़ता था।
ड्राईवरों की मांग पर कलेक्ट्रेट परिसर के एक कोने में उनके लिए एक विश्राम कक्ष बनाया गया है। ड्राईवरों की संख्या को देखते हुए यह कक्ष बहुत छोटा है। सभी ड्राईवर इस कक्ष में एक साथ नहीं बैठ सकते।
बैठने के लिए कुर्सी की व्यवस्था नहीं है। सीमेण्ट के चौरा पर इन्हें बैठना पड़ता है। पेयजल व सफाई की भी व्यवस्था नहीं है। सबसे तकलीफ की बात तो ये है कि अधिकारियों के साथ एसी वाहन में घूमने वाले ड्राईवरों को विश्राम कक्ष में एक पंखा भी नसीब नहीं है।
इसका सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ रहा है। ड्राईवरों का कहना है कि उन लोगों ने बैठने के लिए व्यवस्थित कमरे की मांग की थी न कि अव्यवस्थित झोपड़ी की। इनका कहना है कि कक्ष में बैठने से तो वाहन के अंदर या किसी पेड़ की छांव में ही समय बिताना बेहतर है।